Friday, April 19, 2024
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वीडियो में देखें जयपुर में टिड्डियों का आतंक, देखिए कैसे लाखों की संख्या में किया शहर पर कब्जा

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: May 25, 2020 17:54 IST
Tiddi Attack in Japur- India TV Hindi
Image Source : PTI Tiddi Attack in Japur

जयपुर। राजधानी जयपुर के कुछ रिहायशी इलाकों में सोमवार को टिड्डियों की आवाजाही देखी गई जो बाद में दौसा जिले की ओर बढ़ गई। फिलहाल खेतों में कोई फसल खड़ी तैयार नहीं है इसलिए टिड्डियां पेड़ों को नुकसान पहुंचा रही हैं और भोजन की तलाश में दूर दराज के इलाकों की बढ़ रही हैं। राज्य के कृषि आयुक्त ओम प्रकाश ने बताया कि टिड्डियों का खतरा राजस्थान के 18 जिलों में फैल गया है और वे भोजन की तलाश में तेजी से आगे की ओर बढ़ रही हैं। परसों टिड्डियां नागौर में थीं और कल जयपुर और आसपास के इलाकों में पहुँच गई। आज टिड्डियां आवासीय क्षेत्रों में देखी गई और जल्दी से दौसा की ओर बढ़ गई। 

उन्होंने बताया कि खेतों की जमीन पर कोई खड़ी फसल नहीं है इसलिए टिड्डियां बड़े पेड़ों पर रह रहीं हैं और तेजी से आगे बढ़ रही हैं। टिड्डी नियंत्रण टीमों ने कल रात जयपुर में कीटनाशक का छिड़काव कर ऑपरेशन किया और आज टिड्डियों का बचा हुआ दल दौसा की ओर बढ़ गया है। जोधपुर में केन्द्रीय टिड्डा नियंत्रण संगठन और राज्य कृषि विभाग टिड्डियों के हमले के मुद्दे पर समन्वय के साथ काम कर रहे हैं। टिड्डों का ताजा हमला 11 अप्रैल को हुआ था जब कुछ टिड्डियों के दलों ने पाकिस्तान से गंगानगर में प्रवेश कर वहां कपास की फसलों को कुछ हद तक नुकसान पहुंचाया था। उसके बाद टिड्डियां राज्य के कई जिलों से होती हुई अब जयपुर में घुस गई हैं। 

आमतौर पर पश्चिमी राजस्थान में टिड्डों के हमले से जिले प्रभावित होते हैं लेकिन इस बार टिड्डियों के दल दूर दराज के इलाकों में चले गए हैं और यहां तक कि भोजन की तलाश में जयपुर पहुंच गए क्योंकि उन्हें खड़ी फसलें नहीं मिली हैं। जयपुर के लोगों के लिए आवासीय कॉलोनियों में बड़ी संख्या में टिड्डियों का उड़ना असामान्य था। मुरलीपुरा और विद्याधर नगर क्षेत्र में कुछ लोगों को थालियां और अन्य सामान बजाकर टिड्डियों के दल को दीवारों और अन्य सतहों से भगाते हुए देखा गया। कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया ने भी खेतों में जाकर किसानों से मुलाकात की। 

कृषि विभाग के निदेशक ने बताया कि टिड्डों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए 200 टीमें मैदान में काम कर रही हैं और लगभग 800 ट्रैक्टरों में लगे स्प्रेयर का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि टिड्डियों को भगाने के अभियान में अग्निशमन की गाड़ियों का भी उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जमीन पर खड़ी फसलों नहीं होने के कारण बड़े पेड़ों पर बैठे टिड्डियों के दलों को हटाने के लिये वहां कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है और इसके लिये ट्रैक्टर पर पर लगे स्प्रेयर का उपयोग किया जा रहा है। 

किसानों को मुफ्त में कीटनाशक भी दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस बार राज्य में लगभग 54000 हेक्टेयर क्षेत्र टिड्डियों से प्रभावित है और 40,000 हेक्टेयर क्षेत्रों में टिड्डियों के नियंत्रण के लिये अभियान चलाए गए हैं।

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