Thursday, November 06, 2025
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Ahoi Ashtami Vrat 2025: अहोई अष्टमी का व्रत किसके लिए रखा जाता है? जानिए क्या है महत्व और शुभ मुहूर्त

Ahoi Ashtami Vrat 2025: इस बार अहोई अष्टमी तिथि 13 अक्टूबर को पड़ रही है। इस दिन भारतीय महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। चलिए जानते हैं कि आखिर किसके लिए यह व्रत रखा जाता है। इसके साथ ही अहोई अष्टमी का महत्व और शुभ मुहूर्त भी जानेंगे।

Written By: Arti Azad @Azadkeekalamse
Published : Oct 07, 2025 11:28 am IST, Updated : Oct 07, 2025 11:28 am IST
Ahoi Ashtami - India TV Hindi
Image Source : CANVA/FACEBOOK अहोई अष्टमी व्रत किसके लिए रखते हैं

Ahoi Ashtami Vrat Kiske Liye Rakha Jata Hai: कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अष्टमी तिथि बहुत मायने रखती है। इसे अहोई अष्टमी पर्व के नाम से भी जाना जाता है। यह भारतीय हिंदू परिवारों में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। हिंदू महिलाओं के लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है।

इस दिन वे निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को तारों को दर्शन करके उन्हें अर्घ्द देने के बाद व्रत का खोला जाता है। बहुत से लोगों को इस व्रत के बारे में नहीं जानते होंगे कि आखिर किसके लिए इस दिन निर्जला व्रत रखा जाता है। चलिए यहां जानेंगे इस सवाल का जवाब। इसके साथ ही अहोई अष्टमी का महत्व और इस बार शुभ मुहूर्त क्या है? इस बारे में भी बात करेंगे। 

महिलाएं क्यों और किसके लिए रखती हैं ये व्रत

भारतीय पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस जिन अहोई माता के नाम का व्रत रखकर उनकी पूजा की जाती है। विवाहित महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए और माताएं अपनी संतान के दीर्घायु और स्वस्थ रहने के लिए निर्जला उपवास रखती हैं। मान्यता है कि नियम और सच्ची श्रद्धा से किए गए व्रत से माता प्रसन्न होती है। वह व्रती की संतान को निरोगी होने और लंबी आयु का वरदान देती है। 

अहोई अष्टमी 2025: सही तारीख और शुभ मुहूर्त  

इस साल अहोई अष्टमी का पर्व, सोमवार 13 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। कार्तिक माह की अष्टमी तिथि की शुरुआत 13 अक्टूबर 2025 को दोपहर 12 बजकर 24 मिनट पर होगी और 14 अक्टूबर को 11 बजकर 9 मिनट पर समाप्ति होगी। यह व्रत सूर्योदय के साथ शुरू होता है और समापन शाम को तारों को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है। इसलिए अहोई अष्टमी का व्रत 13 अक्टूबर को पडे़गा। 

पंचांग के अनुसार, अहोई माता की पूजा के लिए सबसे उत्तम समय 5 बजकर 53 मिनट से लेकर 7 बजकर 8 मिनट तक रहेगा। इस 1 घंटे 15 मिनट की अवधि के दौरान अष्टमी का व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए विधि-विधान से पूजा करने का शुभ समय होगा।

अहोई अष्टमी व्रत पारण ​समय

व्रत पारण का समय शाम को तारों का दर्शन कर 6 बजकर 28 मिनट से शुरू हो जाएगा। तारों को अर्घ्य देने से पहले पारण न करें, वरना आपका व्रत अधूरा माना जाएगा। रात 11 बजकर 40 मिनट को चंद्रोदय का समय है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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