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Ahoi Ashtami 2025: संतान की लंबी उम्र के लिए किस दिन रखा जाएगा अहोई अष्टमी व्रत? जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त

Ahoi Ashtami 2025 Date: अहोई अष्टमी पर संतान की लंबी आयु की कामना करते हुए माताएं निर्जला व्रत रखती हैं। इस बार अहोई अष्टमी की तारीख को लेकर थोड़ा संशय है। चलिए जानते हैं इस बार यह व्रत 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा 14 को। इसके साथ ही पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में भी बात करेंगे।

Written By: Arti Azad @Azadkeekalamse
Published : Oct 04, 2025 11:43 am IST, Updated : Oct 07, 2025 10:47 am IST
अहोई अष्टमी व्रत 2025 - India TV Hindi
Image Source : CANVA/FACEBOOK अहोई अष्टमी व्रत 2025

Ahoi Ashtami 2025 Date And Shubh Muhurat: भारतीय पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस जिन अहोई माता का व्रत रखा जाता है। भारतीय हिंदू महिलाओं के लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है, क्योंकि माताएं अपने बच्चों के दीर्घायु और स्वास्थ्य की कामना के लिए निर्जला उपवास रखती हैं। संध्या के समय तारों को अर्घ्द देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है। चलिए जानते हैं अहोई अष्टमी 2025 कब है और इसका शुभ मुहूर्त क्या है। 

अहोई अष्टमी 2025 कब है? 

अहोई अष्टमी 2025, सोमवार 13 अक्टूबर को है। इस बार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 13 अक्टूबर 2025 को दोपहर 12 बजकर 24 मिनट पर आरंभ होगी और इसका समापन 14 अक्टूबर को 11 बजकर 9 मिनट पर होगा। 

अहोई अष्टमी पूजा का 2025 शुभ मुहूर्त क्या है?

अहोई अष्टमी का व्रत रखने वाली माताओं के लिए पूजा का सबसे उत्तम समय शाम को 5 बजकर 53 मिनट से लेकर 7 बजकर 8 मिनट (1 घंटे 15 मिनट) तक रहेगा। व्रत पारण के समय की शुरुआत शाम तारों का दर्शन कर 6 बजकर 28 मिनट से हो जाएगी। जबकि, चंद्रोदय का समय रात 11 बजकर 40 मिनट है। 

अहोई देवी की पूजा का महत्व

अहोई अष्टमी दीवाली से आठ दिन पहले और करवा चौथ के चार दिन बाद आती है। इस दिन माताएं निर्जल व्रत का संकल्प लेती हैं। शाम के समय महिलाएं अहोई देवी की पूजा-अर्चना करती हैं। कई जगहों पर तारों के दर्शन कर उन्हें अर्घ्य दिया जाता है। मान्यता हैं कि निसंतान महिलाओं द्वारा इस व्रत को करने से माता अहोई के आशीर्वाद से उन्हें भी संतान का सुख प्राप्त होता है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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