Amavasya 2025 Date: हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या दोनों ही तिथि का विशेष महत्व है। अमावस्या के दिन स्नान-दान करने से पुण्यकारी फलों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण करने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है। पूरे साल में कई अमावस्या ऐसी है जिसका काफी अधिक महत्व है। तो आइए यहां जानते हैं कि साल 2025 में कब-कब अमावस्या तिथि पड़ेगी और इसका क्या धार्मिक महत्व है।
1. मौनी अमावस्या 2025
माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन स्नान-दान का बड़ा ही महत्व है। मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत करने का भी विधान है। इस साल 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या पड़ेगी। बता दें कि मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले में दूसरा अमृत स्नान किया जाएगा।
2. फाल्गुनी अमावस्या 2025
दूसरी अमावस्या 27 फरवरी दिन गुरुवार को पड़ रही है। इस दिन अमावस्या तिथि सुबह 8 बजकर 47 मिनट से 28 फरवरी की सुबह 6 बजकर 15 मिनट तक रहेगी। फाल्गुन महीने में पड़ने वाली इस अमावस्या को फाल्गुनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। फाल्गुनी अमावस्या के दिन शिव योग और धनिष्ठा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस संयोग में किसी तीर्थ स्थल पर स्नान-दान करना बहुत ही लाभदायक रहेगा।
3. चैत्र अमावस्या 2025
चैत्र महीने की अमावस्या को दर्श अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। यह 29 मार्च दिन शनिवार को पड़ पड़ेगी। इस दिन ब्रह्म योग और उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस दिन व्रत रख स्नान-दान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
4. वैशाख अमावस्या 2025
वैशाख महीने की अमावस्या 27 अप्रैल, दिन रविवार को पड़ रही है। इस दिन अमावस्या तिथि देर रात 1 बजकर 2 मिनट तक रहेगी। वैशाख अमावस्या पर सत्तू का दान करना उत्तम माना जाता है। इसलिए इसे सतुवाई अमावस्या भी कहा जाता है। वैशाख अमावस्या के दिन प्रीति योग और अश्विन नक्षत्र का संयोग बन रहा है।
5. ज्येष्ठ अमावस्या 2025
इस साल ज्येष्ठ महीने की अमावस्या 27 मई दिन मंगलवार को पड़ेगी। इस बार ज्येष्ठ महीने की अमावस्या दो दिनों की पड़ रहे है। ज्येष्ठ अमावस्या की तिथि 26 मई की दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से 27 मई की सुबह 8 बजकर 33 मिनट तक रहेगी। लिहाजा ज्येष्ठ अमावस्या के दिन मनाई जाने वाली शनि जयंती 26 मई को और स्नान-दान की अमावस्या 27 मई को होगी।
6. आषाढ़ अमावस्या 2025
इस वर्ष आषाढ़ महीने की अमावस्या 25 जून, दिन बुधवार को पड़ रही है। इस दिन अमावस्या तिथि शाम 4 बजकर 2 मिनट तक रहेगी। आषाढ़ अमावस्या दान-पुण्य व पितरों की आत्मा की शांति के लिये किये जाने वाले धार्मिक कर्मों के लिए विशेष फलदायी मानी गई है । इस दिन पवित्र नदी और तीर्थ स्थलों पर स्नान का कई गुना फल मिलता है।
7. श्रावण अमावस्या 2025
श्रावण महीने में पड़ने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या या चितलगी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता हैं। श्रावण के महीने में चारों तरफ हरियाली होती है। इसलिए पुराणों में भी हरियाली अमावस्या को पर्यावरण संरक्षण के रूप में मनाने की बात कही गई है। व्यक्ति को इस दिन कोई न कोई पौधा अवश्य लगाना चाहिए। इस दिन पीपल की पूजा करने और उसकी सात परिक्रमा करने से पितरों को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद आपके ऊपर बना रहता है। श्रावण महीने की अमावस्या यानि हरियाली अमावस्या 24 जुलाई, दिन गुरुवार को पड़ रही है। श्रावण महीने के इस अमावस्या के दिन हर्षन योग और पुनर्वसु नक्षत्र का संयोग रहेगा।
8. भाद्रपद अमावस्या 2025
भाद्रपद में पड़ने वाली इस अमावस्या को कुशोत्पाटिनी या कुशाग्रहणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन वर्ष भर किये जाने वाले धार्मिक कार्यों, अनुष्ठानों और श्राद्ध आदि कार्यों के लिए कुश इकट्ठा किया जाता है। साथ ही इस दिन स्नान-दान, जप, तप और व्रत आदि का भी महत्व है। भाद्रपद महीने में पड़ने वाली इस अमावस्या के दिन परिघ योग और मघा नक्षत्र का संयोग बन रहा है।
9. अश्विन अमावस्या 2025
अश्विन महीने की अमावस्या 21 सितंबर, दिन रविवार को पड़ेगी। इस दिन अमावस्या तिथि वालों का, यानि जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने की अमावस्या तिथि को हुआ हो, उनका श्राद्ध कार्य करने का विधान होता है। इस दिन श्राद्ध करने वाला व्यक्ति अत्यंत सुख को पाता है । आश्विनी अमावस्या के दिन शुभ योग और पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र का संयोग बन रहा है।
10. कार्तिक अमावस्या 2025
पौराणिक मान्यता के अनुसार महाभारत के शांति पर्व में भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं कार्तिक अमावस्या का महत्व बताते हुए कहा है कि- यह मेरा प्रिय दिन है और इस दिन मेरी वंदना से मनुष्य के समस्त कष्ट दूर हो जाएंगे। कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली का पर्व भी मनाया जाता है। इस वर्ष कार्तिक महीने की अमावस्या 21 अक्टूबर, दिन मंगलवार को पड़ेगी।
11. मार्गशीर्ष अमावस्या 2025
हिंदी महीनों के अनुसार ये साल का नौंवा महीना है, जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस महीने को स्वयं भगवान का स्वरूप माना जाता है। मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने के अलावा अपने पितरों को श्रद्धा अर्पित करने से सभी कष्टों का निवारण होता है। इस साल मार्गशीर्ष अमावस्या 20 नवम्बर, दिन गुरुवार को मनाई जाएगी। इस अमावस्या के दिन शोभन योग और विशाखा नक्षत्र का संयोग बन रहा है।
12. पौष अमावस्या 2025
अगर बात करें साल 2025 में पड़ने वाली आखिरी अमावस्या की तो वर्ष 2025 की आखिरी अमावस्या पौष महीने की अमावस्या पड़ रही है। जो कि 19 दिसंबर को पड़ रही है। पौष महीने में पड़ने वाली अमावस्या को दर्श अमावस्या के नाम से जाना जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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