Friday, May 10, 2024
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Magh Month 2024: माघ मास में स्नान-दान करने से मिलता है 10 हजार अश्वमेध यज्ञ के समान फल, जानें कब से शुरू हो रहा है यह पवित्र माह?

Magh Month 2024: हिंदू धर्म में माघ महीने का विशेष महत्व बताया गया है। इस मास में स्नान-दान करने से पुण्यकारी फलों की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं माघ माह कब से शुरू हो रहा है।

Written By : Acharya Indu Prakash Edited By : Vineeta Mandal Updated on: January 19, 2024 10:05 IST
Magh Month 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Magh Month 2024

Magh Month 2024: 26 जनवरी से बहुत ही पवित्र महीना माघ की शुरुआत हो रही है, जो 24 फरवरी तक रहेगा। शास्त्रों में जिस प्रकार कार्तिक महीने का महत्व बताया गया है, उसी प्रकार माघ महीने का भी बहुत महत्व है। बता दें कि चंद्रमास के हिसाब से माघ वर्ष का ग्यारहवां महीना, जबकि सौरमास के हिसाब से ये वर्ष का दसवां महीना है। इस महीने की पूर्णिमा के मघा नक्षत्र से युक्त होने के कारण ही इस महीने को माघ कहा जाता है। इस महीने में भगवान विष्णु की माधव नाम से पूजा की जाती है। पूरे माघ के दौरान माधव नाम से भगवान की पूजा करने और उनके मंत्रों का जप करने से व्यक्ति को जीवन में हर तरह की सफलता मिलती है। उसे कभी भी किसी हार का सामना नहीं करना पड़ा है। 

माघ मास में स्नान का क्या है महत्व

माघ के दौरान भगवान विष्णु के किन मंत्रों का आपको जप करना चाहिए। 'ऊँ माधवाय नमः।' इसके अलावा 'ऊँ नमो भगवते नारायणाय।' माघ महीना मुख्यतः स्नान-दान के लिए महत्व रखता है। पद्मपुराण में बताया गया है कि माघ में पवित्र नदियों या तीर्थस्थलों पर स्नान करने से भगवान बहुत ही प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति की हर इच्छा को पूरा करते हैं। इस महीने में स्नान को माघ स्नान के नाम से भी जाना जाता है। इस स्नान की महत्ता को बताते हुए कहा भी गया है- प्रीतये वासुदेवस्य सर्व पापानुत्तये। माघ स्नानं प्रकुर्वीत स्वर्ग लाभाय मानवः॥ अतः हर तरह की नकारात्मकता से छुटकारा पाने के लिए मनुष्य को माघ स्नान करना चाहिए।

बता दें कि माघ के दौरान सबसे ज्यादा प्रयाग में गंगा और यमुना के संगम पर स्नान पुण्यकारी माना गया है। स्वयं देवतागण भी इस दौरान प्रयाग में आते हैं- माघ मासे गमिष्यन्ति गंगा यमुन संगमे। ब्रह्मा विष्णु महादेव रुद्रादित्य मरूद्गणा:।।  अर्थात ब्रह्मा, विष्णु, महादेव, रुद्र, आदित्य तथा मरूद्गण माघ महीने में गंगा-यमुना के संगम पर गमन करते हैं। लेकिन जो लोग प्रयाग जाकर लाभ ना उठा सकें, उन्हें घर पर ही सामान्य पानी से नहाकर भगवान की पूजा अर्चना करके लाभ जरूर उठाना चाहिए।

शास्त्रों में ऐसी व्यवस्था भी दी गई है कि जो लोग पूरे महीने भर माघ स्नान ना कर सके या माघ के बाकी नियमों का पालन ना कर सके, उन लोगों को महीने में तीन बार अथवा एक बार माघ स्नान करके लाभ जरूर उठाना चाहिए। माघ में किये तीन स्नान भी दस हजार अश्वमेध यज्ञ के समान फल देने वाले होते हैं। इससे व्यक्ति को हर तरह की सिद्धि और हर क्षेत्र में विजय मिलती है।

माघ महीने में इन चीजों का करें दान

इसके अलावा माघ महीने में स्नान के साथ ही दान का भी बहुत महत्व है। माघ महीने में, विशेषकर कि माघ पूर्णिमा के दिन जो व्यक्ति किसी सुपात्र ब्राह्मण को ब्रह्मवैवर्त पुराण का दान करता है, उसे ब्रह्म लोक की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जो व्यक्ति माघ में ब्रह्मवैवर्त पुराण का पाठ करता है या माघ का माहात्म्य पढ़ता है, उस व्यक्ति को जीवन में लाभ ही लाभ मिलता है। माघ में तिल दान का भी महत्व है।

इस महीने में जो व्यक्ति तपस्वियों को या ब्राह्मणों को तिल दान करता है, वह बड़े आनंद से जीवन बीताता है। तिल के अलावा इस महीने में गुड़, कंबल और ऊनी वस्त्र दान करके भी पुण्य फलों की प्राप्ति की जा सकती है।  जो लोग अपने परिवार की सुख-शांति और खुशहाली कायम रखना चाहते हैं, उन्हें माघ महीने के दौरान परिवार के साथ मिलकर काले तिलों से हवन कराना चाहिए। साथ ही पितरों की शांति के लिए किसी पवित्र स्थान पर पितरों का तर्पण करके लाभ पाना चाहिए। 

माघ माह में कल्पवास का महत्व

माघ महीने में कल्पवास का भी विशेष महत्त्व है। दरअसल माघ के दौरान संगम के तट पर निवास को कल्पवास कहते हैं। बड़े-बड़े साधु-संत वहां पर रहकर वेद, यज्ञ आदि कार्य करते हैं। अपने-अपने मत से कुछ लोग ये कल्पवास पौष शुक्ल एकादशी से आरंभ करके माघ शुक्ल एकादशी तक जारी रखते हैं, जबकि कुछ लोग पौष पूर्णिमा से माघ पूर्णिमा तक कल्पवास करते हैं।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)

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