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Radha Ashtami 2024: 11 सितंबर को मनाई जाएगी राधा अष्टमी, श्रीजी की कृपा पाने के लिए इस मुहूर्त में करें पूजा

Radha Ashtami 2024: भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी मनाई जाती है। इस दिन किशोरी जी के साथ भगवान कृष्ण की पूजा करने से जीवन में प्रेम और सुख-सौभाग्य की बरसा होती है।

Written By: Vineeta Mandal
Published : Sep 09, 2024 11:22 IST, Updated : Sep 09, 2024 11:33 IST
Radha Ashtami 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Radha Ashtami 2024

Radha Ashtami 2024: 11 सितंबर को राधा रानी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस दिन श्रीजी की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। साथ ही घर में प्रेम, सुख-शांति और खुशहाली बनी रहती है। बता दें कि कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिनों के बाद पूरे बृज में राधाष्टमी महोत्सव काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। राधा जन्मोत्स की खास रौनक बरसाना में देखने को मिलता है। पौराणिक मान्यताओं क मुताबिक, राधा रानी का जन्म रावल गांव में हुआ था और किशोरी जी बरसाना में पली-बढ़ी थीं।

हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी मनाई जाती है। वहीं भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इन दोनों ही तिथि को भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा का विशेष महत्व है। तो आइए अब जानते हैं कि राधा अष्टमी के दिन किस मुहूर्त में राधिका जी पूजा करें।

राधा अष्टमी 2024 पूजा मुहूर्त

  • भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि आरंभ-  10 सितंबर को रात 11 बजकर 11 मिनट पर
  • भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि समाप्त- 11 सितंबर को रात 11 बजकर 26 मिनट पर
  • राधा अष्टमी 2024 तिथि- 11 सितंबर 2024
  • राधा अष्टमी 2024 पूजा का समय- 11 सितंबर को सुबह 11 बजकर 3 मिनट से दोपहर 1 बजकल 32 मिनट तक

राधाष्टमी का महत्व

राधा अष्टमी के दिन किशोरी की आराधना करने से सुखी और खुशहाल दांपत्य जीवन का आशीर्वाद मिलता है। वहीं जिन दंपतियों के बीच आपसी मतभेद अधिक है वे इस दिन राधा रानी के साथ भगवान कृष्ण की पूजा करें उनके बीच का सारा कलह दूर हो जाएगा। कहते हैं राधा अष्टमी के दिन जो भी भक्त कृष्ण राधा की एक साथ सच्चे मन से आराधना करते हैं उनका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। साथ जिनकी शादी नहीं हुई है उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है।

राधा रानी के मंत्र

  • ॐ वृषभानुज्यै विधमहे कृष्णप्रियायै धीमहि तन्नो राधा प्रचोदयात ।
  • ॐ ह्रीं श्रीराधिकायै विद्महे गान्धर्विकायै विधीमहि तन्नो राधा प्रचोदयात्।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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