Saturday, December 14, 2024
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Raksha Bandhan 2024: अगर भद्रा में भाई को राखी बांधना पड़े तो क्या उपाय करना चाहिए; जानें यह समय क्यों माना जाता है अशुभ?

Raksha Bandhan 2024: इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा। ऐसे में अगर भद्राकाल में भाई को राखी बांधना पड़े तो ये उपाय जरूर करें। इस उपाय को करने से भद्रा का साया दूर रहेगा।

Written By : Chirag Bejan Daruwalla Edited By : Vineeta Mandal Published : Aug 14, 2024 16:30 IST, Updated : Aug 14, 2024 16:30 IST
Raksha Bandhan 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Raksha Bandhan 2024

Raksha Bandhan 2024:  साल 2024 में रक्षा बंधन 19 अगस्त को मनाया जाएगा, इस दिन भद्रा काल सुबह 5:52 बजे से दोपहर 1:32 बजे तक रहेगा। इस दौरान बहनों के लिए अपने भाइयों को राखी बांधना अशुभ माना जाता है। भद्रा काल के बाद का समय राखी बांधने के लिए उपयुक्त माना जाता है। इसलिए राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:32 बजे से शुरू होगा, जो शाम 4:21 बजे तक रहेगा। इसके अलावा शाम 6:56 बजे से रात 9:08 बजे तक प्रदोष काल में भी राखी बांधने का शुभ मुहूर्त रहेगा। अगर किसी बहन को भद्रा काल में अपने भाई को राखी बांधनी है तो ज्योतिषाचार्य चिराग दारूवाला से जानिए क्या उपाय करने चाहिए।

भद्रा के दौरान राखी बांधनी है तो अपनाएं ये उपाय

हिंदू धर्म में भद्रा के दौरान राखी बांधना वर्जित है, लेकिन अगर किसी कारण या मजबूरी में भद्रा के दौरान राखी बांधनी ही पड़े तो बहनें ये उपाय अपना सकती हैं। अगर बहनें भद्रा के दौरान अपने भाई को राखी बांध रही हैं तो उन्हें व्रत रखना होगा और भद्रा के 12 नामों का स्मरण करना होगा। भद्रा के 12 नाम हैं- धन्या, दधमुखी, भद्रा, महामादी, खराना, कालरात्रि, महारुद्रा, विष्टि, कुलपुत्रिका, भैरवी, महाकाली और असुरक्षयकारी।

भद्रा काल क्या है?

धार्मिक पुराणों के अनुसार भद्रा सूर्य देव की पुत्री और शनि देव की बहन हैं। इनका स्वभाव बहुत कठोर होता है और ये अशांति का कारण बनती हैं। काल गणना के लिए इन्हें पंचांग में विशेष स्थान दिया गया है। इनके स्वभाव के कारण हमेशा शुभ और मांगलिक कार्य भद्रा से पहले या बाद में करने की सलाह दी जाती है।

भद्रा में क्यों नहीं बांधते राखी?

भद्रा काल को अशुभ काल माना जाता है और इसलिए इस मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है। पौराणिक कथा के अनुसार जब भद्रा का जन्म हुआ तो वह पूरी सृष्टि में तबाही मचाने लगी और जहां पूजा-पाठ व अनुष्ठान जैसे मांगलिक कार्य होते थे वहां जाकर उसके रुकावट पैदा करती ​थी। इसलिए इसे पाताल लोक में भेज दिया गया ताकि पृथ्वी पर पूजा और अनुष्ठान बिना किसी बाधा के किए जा सकें। लेकिन कुछ समय के लिए भद्रा पृथ्वी पर आती है और उस समय को अशुभ समय माना जाता है।

एक अन्य कथा के अनुसार, शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्रा काल में राखी बांधी थी। जिसके कारण रावण और उसके पूरे कुल का नाश हो गया था। इसलिए कहा जाता है कि भद्रा काल में भाई को राखी नहीं बांधनी चाहिए। इसके अलावा एक और कारण यह भी है कि भद्रा काल में भगवान शिव तांडव करते हैं और बहुत क्रोधित होते हैं। अगर ऐसे समय में कोई भी शुभ काम किया जाए तो भगवान शिव के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है।

(ज्योतिषी चिराग दारूवाला विशेषज्ञ ज्योतिषी बेजान दारूवाला के पुत्र हैं। उन्हें प्रेम, वित्त, करियर, स्वास्थ्य और व्यवसाय पर विस्तृत ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के लिए जाना जाता है।)

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