Friday, December 13, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. धर्म
  3. त्योहार
  4. Ravi Pradosh Vrat 2024: रविवार को रखा जाएगा रवि प्रदोष का व्रत, भगवान शिव के साथ मिलेगी सूर्य देव की भी कृपा, जानें पूजा मुहूर्त

Ravi Pradosh Vrat 2024: रविवार को रखा जाएगा रवि प्रदोष का व्रत, भगवान शिव के साथ मिलेगी सूर्य देव की भी कृपा, जानें पूजा मुहूर्त

Ravi Pradosh 2024: रविवार को रवि प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। तो यहां जानिए कल रवि प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।

Written By: Vineeta Mandal
Published : Sep 14, 2024 16:03 IST, Updated : Sep 14, 2024 16:03 IST
Ravi Pradosh 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Ravi Pradosh 2024

Ravi Pradosh Vrat 2024: रविवार, 15 सितंबर को प्रदोष व्रत किया जाएगा। प्रत्येक महीने के कृष्ण और शुक्ल दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। सप्ताह के सातों दिनों में से जिस दिन प्रदोष व्रत पड़ता है, उसी के नाम पर उस प्रदोष का नाम रखा जाता हैष जैसे सोमवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष कहा जाता है, मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष कहा जाता है। वैसे ही विवार को पड़ने वाले इस प्रदोष को रवि प्रदोष कहा जाएगा। प्रदोष व्रत में प्रदोष काल का भी बहुत महत्व होता है। त्रयोदशी तिथि में रात्रि के प्रथम प्रहर यानि सूर्यास्त के बाद के समय को प्रदोष काल कहते हैं। किसी भी प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। 

प्रदोष के दिन न स्नान आदि के बाद सबसे पहले भगवान शिव की बेल पत्र, गंगाजल, अक्षत और धूप-दीप आदि से पूजा की जाती है। फिर संध्या में यानि प्रदोष काल के समय भी पुनः इसी प्रकार से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।  इस प्रकार जो व्यक्ति भगवान शिव की पूजा आदि करता है और प्रदोष का व्रत रखता है, उसके सभी समस्याओं का समाधान निकलता है। साथ ही उसे अनेकों सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है। पुराणों के अनुसार, त्रयोदशी तिथि की रात के पहले प्रहर में जो व्यक्ति किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है उसका दांपत्य जीवन खुशहाल बन जाता है। साथ ही घर में सुख, सौभाग्य और समृद्धि बनी रहती है।

रवि प्रदोष 2024 पूजा मुहूर्त

  • रवि प्रदोष व्रत- 15 सितंबर 2024
  • त्रयोदशी तिथि आरंभ - 15 सितंबर को शाम 6 बजकर 12 मिनट से
  • त्रयोदशी तिथि समाप्त- 16 सितंबर को दोपहर 3 बजक 10 मिनट पर
  • प्रदोष पूजा मुहूर्त- 15 सितंबर को शाम 6 बजकर 26 मिनट से रात 8 बजकर 46 मिनट तक

रवि प्रदोष व्रत का महत्व

रवि प्रदोष के दिन व्रत करने और पूजा करने से भगवान शिव के साथ सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। दरअसल, रविवार का दिन सूर्य देव की उपासना के लिए समर्पित है। ऐसे में रवि प्रदोष का व्रत रखने से स्वास्थ्य संबंधी सभी समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। साथ इस व्रत से सूर्य ग्रह से संबंधित दोष भी दूर होते हैं और कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होता है। प्रदोष व्रत करने से महादेव भक्तों की हर कामना को पूर्ण करते हैं। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

ये भी पढ़ें-

Parivartini Ekadashi 2024 Paran Timing: कल इस मुहूर्त में करें परिवर्तिनी एकादशी का पारण, जानें सही टाइमिंग और व्रत खोलने का नियम

इस तरह हुई थी शारदीय नवरात्रि की शुरुआत, ये 2 कथाएं हैं सबसे प्रचलित

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Festivals News in Hindi के लिए क्लिक करें धर्म सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement