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Shani Pradosh Vrat 2024: कल रखा जाएगा शनि प्रदोष व्रत, इस मुहूर्त में करें पूजा, भगवान शिव के साथ शनि देव भी बरसाएंगे कृपा

Shani Pradosh 2024: 31 अगस्त को भाद्रपद माह का प्रदोष व्रत रखा जाएगा। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा का विधान है। लेकिन इस बार प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ रहा है इसलिए इसे शनि प्रदोष कहा जाएगा। ऐसे में आज शिव जी के साथ शनि देव की पूजा भी फलदायी मानी जाएगी।

Written By: Vineeta Mandal
Published : Aug 30, 2024 7:33 IST, Updated : Aug 30, 2024 7:38 IST
Shani Pradosh Vrat 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Shani Pradosh Vrat 2024

Shani Pradosh Vrat 2024: 31 अगस्त को शनि प्रदोष व्रत रखा जाएगा। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा का विधान है। लेकिन कल शनि प्रदोष है तो इसमें भोलनाथ के साथ शनि देव की पूजा का भी खास महत्व है। शनि प्रदोष के दिन भोले शंकर के साथ शनि देव की उपासना करने से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं। इतना ही नहीं साढ़े साती और ढैय्या जैसे दोष का दुष्प्रभाव भी कम हो जाता है। प्रदोष व्रत जिस दिन पड़ता है उसका नामकरण भी वार के हिसाब से होता है। इस बार शनिवार को प्रदोष व्रत है इसलिए इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा।

बता दें कि प्रत्येक महीने में दो पक्ष होते हैं- एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष। इन दोनों ही पक्षों की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत किया जाता है और प्रदोष व्रत में भी प्रदोष काल का महत्व होता है। प्रदोष काल उस समय को कहा जाता है, जब दिन छिपने लगता है यानी सूर्यास्त के ठीक बाद वाले समय और रात्रि के प्रथम प्रहर को प्रदोष काल कहा जाता है। त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल के समय भगवान शंकर की पूजा का विधान है। त्रयोदशी की रात के पहले प्रहर में जो व्यक्ति किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है उसे जीवन में सुख ही सुख मिलता है। 

शनि प्रदोष 2024 व्रत पूजा शुभ मुहूर्त

  • प्रदोष व्रत- 31 अगस्त 2024
  • त्रयोदशी तिथि प्रारंभ - 31 अगस्त को सुबह 2 बजकर 25 मिनट पर
  • त्रयोदशी तिथि समाप्त-  1 सितंबर 2024 को सुबह 3 बजकर 40 मिनट तक
  • प्रदोष पूजा मुहूर्त - 31 अगस्त को शाम 6 बजकर 43 मिनट से रात 8 बजकर 59 मिनट तक

प्रदोष व्रत का महत्व

जो भी व्यक्ति भगवान शिव की पूजा के साथ प्रदोष का व्रत करता है उसे सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ भगवान शिव भक्तों की हर मनोकामना को पूरी करते हैं। त्रयोदशी की रात के पहले प्रहर में जो व्यक्ति किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है उसके घर सुख-समृद्धि और सौभाग्य की वर्षा होती है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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