Friday, April 19, 2024
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शनि राहु की युति कुंडली में बनाता है पिशाच योग, जानिए जातक पर पड़ता है क्या असर

Shani Rahu Yuti: व्यक्ति के लिए शनि और राहु दोनों ग्रह कई परेशानि में डाल सकता है। वहीं अगर कुंडली में शनि-राहु की युति है तो इसके और भयंकर परिणाम सामने आते हैं। तो यहां जानिए इस दोनों ग्रहों की युति के फलों के बारे में।

Written By : Chirag Bejan Daruwalla Edited By : Vineeta Mandal Published on: April 14, 2023 23:30 IST
Shani Rahu Yuti- India TV Hindi
Image Source : FILE IMAGE Shani Rahu Yuti

Shani Rahu Yuti: ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक ग्रह का अपना महत्व होता है। कुंडली में जब कोई ग्रह मजबूत होता है तो वह जातक को शुभ फल देता है और जब कमजोर होता है तो अशुभ फल देता है। वहीं कुछ ग्रह दूसरे ग्रहों के साथ मिलकर शुभ और अशुभ फल देते हैं। इसी तरह आज हम बात करेंगे शनि और राहु की युति के बारे में। जी हां, शनि को अंधकार का ग्रह और राहु को भ्रम का ग्रह कहा जाता है। राहु को किसी राशि का स्वामी नहीं माना जाता है, लेकिन माना जाता है कि राहु मिथुन राशि में उच्च का हो जाता है। इसके साथ ही राहु जब धनु राशि में आता है तो नीच का माना जाता है। राहु को आर्द्रा, स्वाति और शतभिषा नक्षत्र का स्वामी माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि मकर और कुंभ राशि का स्वामी है। दूसरी ओर, शनि को तुला राशि में उच्च का माना जाता है, जबकि मेष राशि शनि की नीच राशि है। तुला, मकर और कुम्भ शनि की प्रिय राशियाँ मानी जाती हैं। यहां बैठा शनि अशुभ फल नहीं देता है। तो ज्योतिष चिराग बेजान दारूवाला से जानिए शनि-राहु ग्रहों की युति के बारे में विस्तार से।

18 साल तक रहता है राहु का प्रभाव

ज्योतिष ग्रंथों में राहु को पाप ग्रह बताया गया है। राहु का वर्णन पौराणिक ग्रंथों और पुराणों में मिलता है। राहु को भ्रामक ग्रह बताया गया है। कलियुग में इसका प्रभाव व्यापक बताया गया है। राहु को प्रतिबिंबित ग्रह भी माना जाता है। इस ग्रह का अपना कोई वास्तविकता नहीं है।

राहु सदैव वक्री अवस्था में रहता है। राहु को इसलिए भी प्रतिकूल माना जाता है क्योंकि ज्योतिषीय गणना के अनुसार राहु की दशा का प्रभाव जातक को 18 वर्ष तक रहता है। इस दशा में यदि किसी जातक की जन्मकुंडली में राहु-केतु द्वारा निर्मित कोई दोष हो तो जातक को जीवन में बहुत ही बुरे फल मिलते हैं। राहु से अशुभ योग बनता है।

शनि राहु की युति

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि और राहु की युति से दुर्ता योग बनता है। इस योग को मंडी योग भी बताया गया है। माना जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में यह योग होता है वह अपने राज छुपा कर रखता है। ऐसे लोग क्या करते हैं कोई नहीं जानता। ऐसे लोग अपार धन अर्जित करते हैं। ऐसे लोग बहुत तेज दिमाग के होते हैं। वे अपने कारण में सफलता पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। ये गलत काम करके भी पैसा कमाते हैं। इस योग के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। इससे दोष दूर होता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी शनि और राहु की युति होती है तो पिशाच योग बनता है। इन दोनों ग्रहों की व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ये किसी की भी जिंदगी बना या बिगाड़ सकते हैं। इसी वजह से लोग इन दोनों ग्रहों से डरते हैं। शनि और राहु की युति से पिशाच योग बनता है। इसके प्रभाव को इसके नाम से ही आसानी से जाना जा सकता है। बता दें कि पिशाच योग बहुत ही खतरनाक होता है। जातकों के जीवन पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो कि इन जातकों के लिए सबसे घातक होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पिशाच योग व्यक्ति के जीवन को बर्बाद कर देता है। ऐसे में अगर आपकी कुंडली में भी यह योग बन रहा है तो पितरों को श्राद्ध विधि से करना चाहिए।

राहु का स्वभाव

राहु का स्वभाव शनि के समान बताया गया है। राहु एक क्रूर ग्रह के रूप में भी जाना जाता है। राहु जब नीच का होता है तो भयंकर रोग भी देता है। राहु व्यक्ति साहसी, चतुर, धूर्त, स्वार्थी, बातूनी, झूठ बोलने वाला, शत्रुता उत्पन्न करने वाला, धर्म को न मानने वाला, राजनीति में रुचि रखने वाला, लड़ाकू और व्यसनी कहा जाता है।

राहु दोष दूर करने के उपाय

  •     पिशाच योग के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए गाय का दान करें या कन्या का दान करें।
  •     शनि और राहु के शुभ प्रभाव के लिए इनसे जुड़े उपाय करें। मंत्र जाप भी शुभ फल देता है।
  •      कहा जाता है कि अगर आपकी कुंडली में पिशाच योग भी बन रहा है तो दोनों कान छिदवाकर उसमें सोना के आभूषण धारण करें।
  •     छाया दान करना भी शुभ माना जाता है।
  •     पिशाच योग से मुक्ति पाने के लिए व्यक्ति को अंधे को भोजन कराना चाहिए।
  •     कुत्तों को रोटी खिलाएं। साथ ही शराब, मांस आदि से भी दूरी बनाकर रखें।
  •     साथ ही शनि के दुष्प्रभाव को शांत करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी शनि के अशुभ प्रभाव में कमी आती है।
  •     पिशाच योग के प्रभाव को कम करने के लिए तिल, उड़द, भैंस, लोहा, तेल, काला वस्त्र, काली गाय और जूता आदि का दान करना लाभकारी माना जाता है।
  • राहु को जीवन में खराब फल देने से रोकने के लिए दूर्वा, चंदन, नीम, अनार और पीपल के पौधे लगाने चाहिए।

(ज्योतिषी चिराग दारूवाला विशेषज्ञ ज्योतिषी बेजान दारूवाला के पुत्र हैं। उन्हें प्रेम, वित्त, करियर, स्वास्थ्य और व्यवसाय पर विस्तृत ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के लिए जाना जाता है।)

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