Vastu Tips For New Home: नया घर लेना हर किसी लिए सबसे महत्वपूर्ण सपना होता है। इस सपने को पूरा करने के लिए लोग कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन अपने प्यार के आशियाने में शांति, सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए वास्तुशास्त्र के नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी माना गया है। सही तरीके से बना घर सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। जबकि, छोटी-सी लापरवाही का भी आगे चलकर बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
वास्तु के अनुसार, नए घर में शिफ्ट होते समय मेन गेट, बेडरूम, किचन, लिविंग रूम, बाथरूम, सीढ़ियां और मंदिर की सही दिशा का ध्यान रखना चाहिए। अगर आप भी नए घर में शिफ्ट होने जा रहे हैं, तो वास्तु के इन नियमों को जरूर जान लें।
मुख्य द्वार की दिशा का महत्व
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, आपके नए घर का मुख्य दरवाजा हमेशा उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में होना शुभ माना जाता है। इससे घर में पॉजिटिविटी बनी रहती है। ध्यान रखें कि गेट के सामने किसी और की सीढ़ी या गेट न हो। मुख्य द्वार पर पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए।
मंदिर की दिशा
घर में मंदिर सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। इसे हमेशा उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में बनाना शुभ होता है। ध्यान रखें कि मंदिर को कभी भी किचन या बाथरूम के पास न बनाएं।
ये होनी चाहिए किचन की सही दिशा
किचन का स्थान घर की ऊर्जा पर गहरा असर डालता है। वास्तु के अनुसार, आपका किचन हमेशा दक्षिण-पूर्व यानी आग्नेय कोण में होना चाहिए। यह स्थान परिवार की सेहत और समृद्धि के लिए शुभ माना जाता है।
मास्टर बेडरूम की सही जगह
ज्योतिषियों की मानें तो आपके घर का मास्टर बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना श्रेष्ठ माना गया है। इससे घर के सदस्यों को मानसिक शांति मिलती है और समृद्धि का आगमन होता है। बेड के ठीक सामने शीशा न लगाएं, क्योंकि इससे नेगेटिव एनर्जी का संचार होता है।
लिविंग रूम की सजावट
लिविंग रूम में फर्नीचर हमेशा दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। हल्के और शांत रंगों का प्रयोग सबसे शुभ माना जाता है। उत्तर-पूर्व दिशा को हल्का और खुला रखें, ताकि घर का वातावरण सकारात्मक और सुखद रहता है।
बाथरूम और टॉयलेट की दिशा
वास्तुशास्त्र में बाथरूम और टॉयलेट के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा सबसे सही मानी गई है। इन्हें उत्तर-पूर्व दिशा में कभी भी न बनवाएं। साथ ही इनका हवादार होना जरूरी है।
सीढ़ियों का स्थान
घर की सीढ़ियां पूर्व से पश्चिम या उत्तर से दक्षिण की ओर बनवाना शुभ होता है। उत्तर-पूर्व दिशा में सीढ़ियां न बनवाएं। इस बात का ध्यान रखें कि सीढ़ियों के नीचे बाथरूम, टॉयलेट या किसी तरह की पानी की व्यवस्था न की जाए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। वास्तु के मुताबिक यह स्थान खाली रखना बेहतर माना जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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