नई दिल्ली: इंग्लैंड में 2020 में टी-20 घरेलू टी-20 प्रतियोगिता को और लोकप्रिय बनाने के लिए नियमों में ज़बरदस्त बदलाव के सुझाव की ख़बरें हैं. इन ख़बरों के अनुसार टी-20 को डेढ़ घंटे में ख़त्म करने के लिए जहां पांच बॉल के ओवर पर विचार किया जा रहा है वहीं समय बचाने के लिए हर ओवर के बाद बॉलर का छोर बदलने की परंपरा भी ख़त्म करने की बात हो रही है. सुझाव ये है कि मैच के दौरान सिर्फ़ दो बार बॉलर का छोर बदला जाए यानी 10 ओवर एक छोर से और बाक़ी 10 ओवर दूसरे छोर से. हालंकि इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने इन ख़बरों का खंडन किया है लेकिन इंग्लैंड बोर्ड के टीवी पार्टनर बीबीसी चाहती है कि उसके कार्यक्रम समायानुसार चलें इसके लिए ज़रुरी है कि मैच जल्दी और समय पर ख़त्म हों.
बहरहाल, अब भारत में भी वनडे और टी-20 में बदलाव होने जा रहा है. ऐसा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) सम्मेलन में हुई एक चर्चा के बाद किया जा सकता है. बीसीसीआइ सीमित ओवरों के मैच कूकाबुरा गेंद की जगह एसजी की सफेद गेंद से कराने की सोच रहा है. भारत में प्रथम श्रेणी मैच सहित भारत के टेस्ट मैच एसजी गेंद से खेले जाते हैं जबकि कूकाबुरा सफेद गेंद से अंतरराष्ट्रीय टी-20 व वनडे मुकाबले करवाए जाते हैं.
इस सत्र में प्रयोग के रूप में सीसीआइ ने एसजी की सफेद गेंद का इस्तेमाल मुश्ताक अली टी-20 और विजय हजारे ट्रॉफी में करवाया था. मुंबई में हुए कप्तान-कोच सम्मेलन के दौरान इसको लेकर जीएम (क्रिकेट ऑपरेशन) सबा करीम के साथ चर्चा की गई. सूत्र ने बताया कि हम अगले सत्र में भारतीय टीम सीमित ओवरों (वनडे व टी-20) में एसजी सफेद गेंद से खेलेगी. बैठक में घरेलू टूर्नामेंटों में अंपायरों के स्तर को लेकर भी चर्चा की गई.
बीसीसीआइ के एक अधिकारी ने कहा, ‘कई कप्तान और कोचों ने अंपायर के स्तर को लेकर शिकायत की गई. निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) को घरेलू टूर्नामेंटों में शामिल करने की बात कही गई है. घरेलू टूर्नामेंट में रुचि बढ़ाने के लिए सभी घरेलू टूर्नामेंटों को लाइव प्रसारण की भी बात की गई है.