मुंबई इस बार चौथी दफा फाइनल में पहुंची। उसे यहां तक पहुंचाने में दिल्ली के युवा खिलाड़ी का बहुत बड़ा हाथ रहा। नीतिश राणा ने बल्ले का वो जौहर इस आईपीएल में दिखाया है जिसकी उनसे बेशक उम्मीद न थी। सही मायनों में उम्मीद से दोगुना। अंबाती रायडू के चोटिल होने के बाद लगातार मिले मौकों का उन्होंने बखूबी इस्तेमाल किया और 13 मैचों में 30.27 की औसत से 333 रन जड़ डाले जिसमें तीन अर्धशतकीय पारियां थीं। एक समय वह ओरेंज कैप की दौड़ में डेविड वार्नर के साथ रेस लगा रहे थे। मुंबई ने इससे पहले 2015 में खिताब जीता था तब से ही राणा मुंबई की टीम के साथ हैं।