Wednesday, May 21, 2025
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जॉस बटलर की नहीं पूरी होने दी सेंचुरी, अगले ही मैच में निकल गई सारी हेकड़ी

आईपीएल के पिछले मुकाबले में जॉस बटलर की सेंचुरी पूरी नहीं होने देने वाले राहुल ​तेवतिया अगले मैच में अपना खाता तक नहीं खोल पाए और शून्य पर आउट होकर वापस चले गए।

Written By: Pankaj Mishra @pankajplmishra
Published : Apr 21, 2025 22:03 IST, Updated : Apr 21, 2025 22:03 IST
jos butler and rahul tewatia
Image Source : PTI जॉस बटलर और राहुल तेवतिया

क्रिकेट में एक माइलस्टोन होता है सेंचुरी का। यही कारण है कि जब भी कोई बल्लेबाज 90 प्लस रन पर पहुंचता है तो खेल थोड़ा धीमा हो जाता है। हालांकि वीरेंद्र सहवाग जैसे बल्लेबाज भी हैं, जो ना तो शतक देखते​ थे और ना ही दोहरा शतक। वे तो तिहरा शतक भी छक्का लगाकर पूरा करने की कोशिश में रहे हैं। इस बीच बात आईपीएल की करें तो गुजरात टाइटंस के शानदार बल्लेबाजों में से एक जॉस बटलर दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ अपना शतक पूरा करने के बिल्कुल मुहाने पर थे, लेकिन राहुल तेवतिया ने ऐसा नहीं होने दिया। अगले मुकाबले में जॉस बटलर ने तो एक और शानदार पारी खेली, लेकिन राहुल तेवतिया औंधे मुंह गिरे और अपना खाता तक नहीं खोल पाए। 

दिल्ली के खिलाफ मुकाबले में जॉस बटलर पूरा नहीं कर पाए थे अपना शतक

गुजरात टाइटंस बनाम दिल्ली कैपिटल्स मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए दिल्ली की टीम ने आठ विकेट के नुकसान पर 203 रन बनाए थे, यानी गुजरात को जीत के लिए 204 रन बनाने थे। शुभमन गिल इस मैच में जल्दी आउट हो गए, वे केवल सात ही रन बना सके। इसके बाद मोर्चा संभाला जॉस बटलर ने। उन्होंने पहले साई सुदर्शन के साथ एक साझेदारी की और इसके बाद रदरफोर्ड के साथ पार्टनरशिप की। इससे टीम जीत की ओर अग्रसर हो ली। जब गुजरात का स्कोर 193 रन था, तब रदरफोर्ड आउट हो गए। इसके बाद बल्लेबाजी के लिए राहुल तेवतिया आए। 19 ओवर में गुजरात की टीम तीन विकेट पर 194 रन बना चुकी थी। यानी आखिरी ओवर में उसे जीत के लिए केवल 10 रन की जरूरत थी। 

आखिरी ओवर में राहुल ने मारा एक छक्का और एक चौका

आखिरी ओवर दिल्ली की ओर से मिचेल स्टार्क फेंकने के लिए आए। इस ओवर की पहली ही बॉल पर राहुल तेवतिया ने छक्का लगा दिया। यानी अब जीत के लिए केवल चार रन ही चाहिए थे। इसी ओवर की दूसरी बॉल पर राहुल ते​वतिया ने चौका मारा और मैच अपनी टीम को जिता दिया। लेकिन दूसरे छोर पर जॉस बटलर 97 के स्कोर पर खड़े ही रह गए। उन्हें केवल तीन ही रन चाहिए थे। लेकिन राहुल ने उनका शतक पूरा नहीं होने दिया। 

जॉस को शतक पूरा ना हो पाने का कोई गम नहीं

वैसे तो टीम की जीत किसी भी माइलस्टोन से बड़ी होती है, लेकिन अगर मुकाम करीब हो तो मौका दिया जाना चाहिए। लेकिन राहुल ने ऐसा नहीं किया और दो ही बॉल पर दस रन बना दिए। हालांकि जॉस ​बटलर को इसका कोई गम नहीं था, वे मुस्कराते हुए वापस आए। लेकिन मन में कहीं ना कहीं टीस को रह ही गई होगी। 

सोमवार को राहुल ते​वतिया से नहीं खुला खाता

अगले मैच में यानी सोमवार को जब गुजरात टाइटंस की टीम फिर से मुकाबले के लिए उतरी तो उसके सामने केकेआर थी। इस मैच में जॉस बटलर ने फिर से 23 बॉल पर 41 रनों की बेहतरीन पारी खेली, लेकिन राहुल तेवतिया अपना खाता तक नहीं खोल पाए। वे दो बॉल पर शून्य रन बनाकर आउट हो गए। ज​बकि इस मैच में उन पर जिम्मेदारी थी कि वे अपनी टीम को 200 के पार पहुंचाएं। राहुल ते​वतिया के आउट होने से टीम इस मुकाम को हासिल नहीं कर सकी और 198 रन ही बना सकी।

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