देश के करोड़ों मोबाइल यूजर्स को एक बार फिर से सस्ते रिचार्ज प्लान की खुशखबरी मिलने वाली है। इसके लिए दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने पूरी तैयारी कर ली है। दूरसंचार नियामक ने इसके लिए कंसल्टेशन पेपर जारी किया है, जिसमें टेलीकॉम इंडस्ट्री से संबंधित स्टेकहोल्डर्स से सिर्फ कॉलिंग और SMS वाले प्लान को लेकर सुझाव मांगा है। इस महीने की शुरुआत में सभी टेलीकॉम कंपनियों ने अपने मोबाइल टैरिफ में 600 रुपये तक की बढ़ोतरी कर दी है। ट्राई द्वारा सुझाव मंगाए जाने के बाद लोगों के लिए नए टैरिफ प्लान पेश हो सकते हैं।
TRAI ने टेलीकॉम कंज्यूमर प्रोटेक्शन रेगुलेशन (TCPR) 2012 पर यह कंसल्टेशन पेपर जारी किया है। इस कंसल्टेशन पेपर पर सरकारी एजेंसी ने स्टेकहोल्डर्स से प्रतिक्रिया मांगी है। यह कंसल्टेशन पेपर देश के करोड़ों मोबाइल यूजर्स के लिए खुशी की खबर ला सकता है। इस कंसल्टेशन पेपर में वॉइस और डेटा रिचार्ज पैक को वापस लाए जाने पर विचार किया जा सकता है। फिलहाल सभी टेलीकॉम कंपनियां के मोबाइल प्लान डेटा पर केंद्रित हैं, जिसकी वजह से उन यूजर्स को नुकसान उठाना पड़ता है, जिन्हें केवल वॉइस कॉलिंग और SMS के लिए मोबाइल रिचार्ज कराना होता है।
कलर कोडिंग जारी करने का प्रस्ताव
Jio, Airtel, Vi और यहां तक की सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL के ज्यादातर बंडल टैरिफ प्लान में वॉइस और डेटा के साथ SMS और OTT के बेनिफिट्स मिलते हैं। ट्राई ने अपने कंसल्टेशन पेपर में कहा कि ऐसी धारणा है कि कई यूजर्स ऐसी सर्विसेज के लिए भुगतान कर रहे हैं, जिनकी उन्हें जरूरत भी नहीं हैं। ट्राई ने अपने कंसल्टेशन पेपर में टेलीकॉम ऑपरेटर्स को वाउचर्स की कलर कोडिंग जारी करने का भी प्रस्ताव दिया है।
दूरसंचार नियामक ने टेलीकॉम कंपनियों से अपने कंसल्टेशन पेपर में पूछा है कि क्या डिजिटल मीडियम में कलर कोडिंग सही कदम होगा? इसके लिए स्टेकहोल्डर्स से 16 अगस्त 2024 तक अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए कहा है। इसके बाद 23 अगस्त 2024 तक इसके खिलाफ काउंटर प्रतिक्रिया जारी की जा सकती है। बता दें कि ट्राई कंसल्टेशन पेपर के जरिए सभी मुद्दों पर स्टेकहोल्डर्स से राय मांगता है। हालांकि, इसक मतलब यह नहीं होता है कि ये नियम लागू ही हो जाएंगे। इस पर विचार के बाद ही कोई निर्णय लिया जाता है।
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