Friday, May 10, 2024
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तेलंगाना : केटीआर का दावा, 'बीजेपी ने 2018 में बीआरएस के साथ गठबंधन के लिए भेजा था संदेश'

पीेएम मोदी के इस दावे को खारिज करते हुए कि भारत राष्‍ट्र समिति (बीआरएस) एनडीए में शामिल होना चाहता है, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव (केटीआर) ने दावा किया कि 2018 में भगवा पार्टी ने बीआरएस के साथ गठबंधन करने के लिए संदेश भेजा था।

Niraj Kumar Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published on: October 04, 2023 13:54 IST
केटी रामाराव, भारत राष्ट्र समिति- India TV Hindi
Image Source : K T RAMA RAO/TWITTER केटी रामाराव, भारत राष्ट्र समिति

हैदराबाद: तेलंगाना की राजनीति में पीएम मोदी के उस बयान ने हलचल मचा दी कि भारत राष्‍ट्र समिति (बीआरएस)एनडीए में शामिल होना चाहता था लेकिन उनके अनुरोध को ठुकरा दिया गया। अब पीएम मोदी के दावों को खारिज करते हुए पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव (केटीआर) ने दावा किया कि 2018 में भगवा पार्टी ने बीआरएस के साथ गठबंधन करने के लिए संदेश भेजा था।

हम नहीं बीजेपी गठबंधन करना चाहती थी-केटीआर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को निज़ामाबाद में एक जनसभा में दावा किया था कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनावों के बाद उनसे मुलाकात की थी और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को एनडीए में लेने का अनुरोध किया था। रामा राव ने सोशल मीडिया प्लेटफऑर्म एक्स पर दावा किया कि उल्‍टा भाजपा पांच साल पहले उनके साथ सहयोग करना चाहती थी। उन्‍होंने एक पोस्‍ट में लिखा, “सबसे बड़ी झूठा पार्टी ने 2018 में अपने प्रदेश अध्यक्ष डॉ के. लक्ष्मण के माध्यम से बीआरएस के साथ गठबंधन के लिए संदेश भेजा था। क्या यह प्रस्ताव उनके दिल्ली के आकाओं की मंजूरी के बिना दिया जा सकता था?''बीआरएस नेता ने कहा कि पार्टी ने तत्‍काल प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया था।

हमारे पास अपने दम पर सरकार बनाने की ताकत-केटीआर
पोस्‍ट में लिखा है, “अपनी पसंद के हिसाब से भूलने की बीमारी वाले राजनीतिक पर्यटक जो कहानियाँ गढ़ रहे हैं, उन्हें यह सरल सामान्य ज्ञान प्रश्न जानना चाहिए: बीआरएस को उस पार्टी के साथ गठबंधन क्यों करना चाहिए जिसकी 105-विधानसभा क्षेत्रों में जमानत भी नहीं बची? बीआरएस को जीएचएमसी चुनावों में बीजेपी के समर्थन की जरूरत क्यों है, जबकि हमारे पास अपने दम पर सरकार बनाने की ताकत है? हम योद्धा हैं, धोखेबाज़ नहीं।''

केटीआर ने लक्ष्मण के बयान की अखबार की कतरनें भी पोस्ट कीं। तत्कालीन राज्य बीजेपी अध्यक्ष ने पूर्व शर्त रखी थी कि बीआरएस को मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) से नाता तोड़ लेना चाहिए। केटीआर ने कहा कि कई अनुरोधों के बावजूद तेलंगाना के गठन के बाद से बीआरएस ने चुनावों के दौरान कभी किसी के साथ गठबंधन नहीं किया। उन्होंने लिखा, "वास्तव में यह विपक्ष ही है जो दुर्जेय केसीआर गारू को हराने के लिए अपने वैचारिक मतभेदों को भुलाकर एक साथ आया है।" (आईएएनएस)

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