किसान आंदोलन मंगलवार को 34वें दिन जारी है। किसानों के मसले का समाधान तलाशने और आंदोलन को समाप्त करने के लिए सरकार के साथ किसान नेताओं की वार्ता अब 30 दिसंबर को होगी।
सितंबर में लागू, किये गये तीन कृषि कानूनों को केंद्र सरकार, कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों के रूप में पेश कर रही है जो किसानों और बाजार के बीच बिचौलियों को दूर करेगा और किसानों को देश में कहीं भी बेचने की छूट देगा। हालाँकि, प्रदर्शनकारी किसानों इनका विरोध करते हुए कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
सरकार ने आंदोलनकारी किसान संगठनों को पत्र लिखकर 30 दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया है। ये बैठक दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में होगी। इससे पहले दोनो पक्षों में कई दौर की बात हो चुकी है हालांकि अभी तक कोई हल नहीं निकला है।
दिल्ली प्रदेश भाजपा ने केंद्र के नये कृषि कानूनों का विरोध करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को रविवार (27 दिसंबर) को घेरने की कोशिश की।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को केंद्र से कृषि कानूनों को वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि किसान जीवित रहने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।
एनडीए के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से सांसद हनुमान बेनीवाल ने किसान बिलों के विरोध में एनडीए छोड़ने की बड़ी घोषणा की है। उन्होनें कहा कि किसानों का स्वाभिमान ही मेरी ताकत है।
ऐसा कैसे हो सकता है कि केरल में APMC की जरूरत नहीं है, लेकिन यूपी, पंजाब और हरियाणा में यह जरूर होनी चाहिए? ऐसा दोहरा मानदण्ड क्यों है?
सिंह ने कहा, लोग इन कृषि कानूनों को लेकर किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं कि वे उनके हित में नहीं हैं। मैं एक किसान का बेटा हूं और मैंने खेतों में काम किया है।
भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर तीनों कृषि कानून को असंवैधानिक करार देते हुए इन्हें चुनौती दी है और पहले से लंबित मामले में दखल की गुहार लगाई है।
कृषि कानून के विरोध में जहां दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन पिछले 29 दिन से जारी है तो कानून के समर्थन में भी किसानों का शक्ति प्रदर्शन चल रहा है। आज नोएडा में कृषि कानून के समर्थन में बड़ी तादाद में किसान ट्रैक्टर रैली निकाल रहे हैं।
किसान संघों ने बुधवार को सरकार से कहा कि वह नए कृषि कानूनों में "निरर्थक" संशोधन करने की बात को नहीं दोहराए, क्योंकि इन्हें पहले ही खारिज किया जा चुका है, बल्कि वार्ता के एक और दौर के लिए लिखित में ठोस प्रस्ताव दे।
किसान आंदोलन पर भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि वामपंथियों ने किसानों के इस आंदोलन को हाईजैक कर लिया है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के बारे में बातचीत की।
मुझे लगता है कि जब सरकार खुद सवालों के जबाव दे रही है, और किसानों से कह रही है कि उन्हें उनके सारे सवालों के जवाब मिलेंगे, ऐसे में अड़ियल रुख अपनाने और कानूनों को निरस्त करने की मांग करने का कोई मतलब नहीं है।
इस तरह के वीडियो को प्रसारित करने का मकसद ये दिखाना है कि जैसे किसान आंदोलन करने नहीं बल्कि पिकनिक मनाने के लिए दिल्ली के बॉर्डर पर आए हैं।
कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच किसानों के नाम केंद्रीय कृषि मंत्री के लिखे पत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को किसानों के नाम एक खुला पत्र लिखा है। कृषि मंत्री ने 8 पन्नों के अपने पत्र में केंद्र के नए कृषि कानूनों की खूबियां गिनाई हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि BJP कह रही है किसानों को भ्रमित किया जा रहा है, किसानों को भ्रमित नहीं किया जा रहा है, सारे भाजपाइयों को भ्रमित किया जा रहा है।
दिल्ली विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में चर्चा के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के कई नेताओं ने केंद्रीय कृषि कानूनों की कॉपी फाड़ दी।
किसान आंदोलन से एक दुखद खबर आई है। कोंडली बॉर्डर पर किसान आोदलन को सपोर्ट करने पहुंचे संत बाबा राम सिंह ने आत्महत्या कर ली है। संत बाबा राम सिंह ने अपनी गाड़ी में खुद को गोली मार ली।
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