दरोगा कृष्ण कुमार शर्मा ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि विकास दुबे ने घटना के एक दिन पहले शाम को चार बजे चौबेपुर थाने में फोन करके धमकी दी थी
सीओ ने चार महीने पहले कानपुर एसएसपी को यह पत्र लिखा था। इस पत्र के माध्यम से, सीओ ने एसएसपी को सूचित करने की मांग की कि गैंगस्टर विकास दुबे का यूपी पुलिस में लिंक था 'और उनके संबंध में एसएचओ का आचरण बेहद संदिग्ध था।
शक के दायरे में आए चौबेपुर थाने के सभी कर्मचारियों को सस्पेंड किया जा चुका है। अब यहां पर कानपुर पुलिस लाइंस से 10 कॉन्सटेबल को चौबेपुर थाने में ट्रांसफर किया गया है।
कानपुर गोलीबारी के केंद्र में भूमि विवाद और विकास दुबे के खिलाफ शिकायत है, जो उनके बहनोई राहुल तिवारी द्वारा दायर की गई थी।
सूत्र के मुताबिक, दुबे की आखिरी लोकेशन औरैया में मिली थी और यह संदेह है कि वह मध्य प्रदेश या राजस्थान, उत्तर प्रदेश की सीमा पार कर गया होगा |
पुलिस लगभग तीन दर्जन पुलिस कर्मियों से पूछताछ कर रही है। मामले की जांच कर रही टीम को पता चला है कि बिकरु गाव में विकास के घर कई पुलिस वालों का आना-जाना था।
कानपुर पुलिस हत्याकांड को लेकर तत्कालीन एसएसपी कानपुर अनंत तिवारी की भूमिका के जांच के आदेश दिए गए हैं। एडीजी कानपुर जोन जय नारायण सिंह अनंत तिवारी की भूमिका की जांच करेंगे।
कानपुर में आठ पुलिसवालों की शहादत पर एक और खुलासा हुआ है। शहीद डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्र की एक चिट्ठी सामने आई है। सीओ ने मार्च में ही चिट्ठी लिखकर विकास दुबे का काला चिट्ठा खोलकर रख दिया था।
शिवसेना ने सोमवार को कहा कि कानपुर मुठभेड़ ने ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ उत्तर प्रदेश सरकार की पोल खोल दी है और इस घटना से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज्य में गुंडई खत्म करने के दावे पर सवाल खड़े हो गए हैं।
हालांकि इनाम में बड़ोतरी के बावजूद अभी तक विकास दुबे का कोई भी सुराग नहीं है और उत्तर प्रदेश के 40 थानों की पुलिस उसे ढूंढ रही है।
कानपुर के बिकरू गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी के दौरान एक पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे ।
कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या मामले में चौबेपुर थाने के 3 और पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। SSP ने 2 दारोगा और एक सिपाही को निलंबित कर दिया है।
यूपी के इतिहास में सबसे खूनी मुठभेड़ में मारे गए आठ पुलिसकर्मियों की ऑटोप्सी रिपोर्ट में माओवादी शैली की घात और अति क्रूरता का पता चला है।
कानपुर एनकाउंटर मामले के मुख्य आरोपी विकास दुबे को पुलिस गिरफ्त में आने से पहले पुलिस स्टेशन से फोन आया था।
आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके गुर्गे फरार हैं। हत्या करने के बाद बदमाशों ने पुलिसकर्मियों के हथियार लूटे और फिर मौके से भाग गए।
माफिया सरगना विकास दुबे को देश से भागने से रोकने के लिए नेपाल की सीमा से लगे जिलों में हाई अलर्ट लगा दिया गया है।
चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में माफिया सरगना विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर छत पर खड़े बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं।
कानपुर एनकाउंटर में शहीद हुए पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उनकी बड़ी हीं निर्दयता से हत्या किया गया।
कानपुर के विकरु गांव में पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद फरार विकास दुबे की तलाश बड़ी ही सरगर्मी के साथ की जा रही है। आशंका यह भी जताई जा रही है कि विकास दुबे सुरक्षित स्थान तलाशने को लेकर नेपाल भाग चुका है।
दीप प्रकाश दुबे के घर से बरामद हुई सरकारी एंबेसडर विनीत पांडेय ने नीलामी में खरीदी थी।
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