पिछले कई दिनों से अरविंद केजरीवाल उपराज्यपाल कार्यालय के बाहर धरना दे रहे हैं।
केरल, आंध्र प्रदेश, प. बंगाल, कर्नाटक के सीएम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन खुलकर सामने आ गए हैं। चारों मुख्यमंत्रियों ने एलजी को चिट्ठी लिखी है और उनसे मिलने का वक्त मांगा है।
केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन और गोपाल राय के साथ सोमवार शाम से उपराज्यपाल के आधिकारिक आवास व कार्यालय राज निवास में धरना दे रहे हैं।
दिल्ली में एलजी हाउस के बाहर हलचल बढ़ गई है। इस वक्त एलजी हाउस के बाहर कई एंबुलेंस पहुंची हैं और भारी पुलिसबल भी तैनात किया गया है। एलजी हाउस के वेटिंग रूम में ही केजरीवाल और उनके मंत्री पिछले 5 दिन से धरने पर बैठे हैं।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि दिल्ली के उपराज्यपाल महोदय, हमने देर तक इंतजार किया लेकिन हमें अपने परिवार से मिलने की अनुमति नहीं मिली। कैदियों को भी अपने परिवार से मिलने की अनुमति होती है।
केजरीवाल अपने मंत्रियों के साथ दिल्ली में आईएएस अफसरों की कथित हड़ताल खत्म कराने समेत कई मांगों के साथ सोमवार शाम एलजी हाउस गए थे और तब से एलजी हाउस के वेटिंग रूम में ही धरने पर बैठे हैं।
आप के कई विधायक, नेता और कार्यकर्ता भी उपराज्यपाल दफ्तर के पास डेरा डाले हुए हैं और पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी है...
केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और दो अन्य मंत्री कल शाम उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिले। सूत्रों ने बताया कि मधुमेह के शिकार मुख्यमंत्री को इस दौरान इंसुलिन लेना पड़ा है और उन्होंने घर का बना खाना खाया। कई आप विधायकों ने भी राज्यपाल कार्यालय के बाहर डेरा डाल दिया।
पार्टी ने कहा कि भाजपा नीत केन्द्र सरकार भी दिल्ली सरकार के काम का बहिष्कार करने के लिए आईएएस एसोसिएशन का समर्थन कर रही है।
आधे घंटे की इस मुलाकात के दौरान उपराज्यपाल ने गृहमंत्री को सरकार के नौकरशाहों एवं दिल्ली के सत्तारुढ़ दल के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई उनकी बातचीत के बारे में बताया।
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