Sunday, December 15, 2024
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CSIR-NET परीक्षा में सॉल्वर गैंग का खेल, UP STF ने सुभारती यूनिवर्सिटी के स्टाफ समेत 7 को दबोचा

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने मेरठ की सुभारती यूनिवर्सिटी में हो रही परीक्षा में धोखाधड़ी के मामले में कार्रवाई की है। यूपी एसटीएफ ने बताया कि सॉल्वर गैंग के लोग हरियाणा के रहने वाले हैं। सभी को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Published : Jul 27, 2024 16:58 IST, Updated : Jul 27, 2024 17:03 IST
UPSTF ने 7 को किया गिरफ्तार- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO UP STF ने 7 को किया गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश की एसटीएफ टीम ने CSIR-NET परीक्षा के लिए सॉल्वर उपलब्ध कराने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। मेरठ की सुभारती यूनिवर्सिटी के प्रमुख कर्मियों और चार आवेदकों सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह के सदस्य परीक्षार्थियों को उनके प्रश्नपत्र हल करने व ऑनलाइन सॉल्वर की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उनसे भारी मात्रा में पैसा वसूलते थे।

यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर लैब में मारा गया छापा

एएसपी ब्रजेश कुमार सिंह को मिली खुफिया सूचना के आधार पर एसटीएफ टीम ने CSIR-NET परीक्षा के दौरान मेरठ में सुभारती विश्वविद्यालय के विधि विभाग की कंप्यूटर लैब पर छापा मारा था। टीम ने एक लैपटॉप, पांच सीपीयू, दो बूटेबल पेनड्राइव, चार सीएसआईआर-यूजीसी नेट परीक्षा पहचान पत्र, तीन मोबाइल फोन, तीन आधार कार्ड, दो पैन कार्ड और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं।

हरियाणा के रहने वाले हैं सभी आरोपी 

पकड़े गए लोगों में मेरठ में सुभारती विश्वविद्यालय के आईटी मैनेजर अरुण शर्मा, कंप्यूटर लैब असिस्टेंट विनीत कुमार और ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनी NSEIT के सर्वर ऑपरेटर अंकुर सैनी शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए चार आवेदकों की पहचान अंकित, तमन्ना, मोनिका और ज्योति के रूप में हुई है, जो सभी हरियाणा के रहने वाले हैं।

ऐसे किया पूरा खेल

जांच में पता चला कि अरुण शर्मा ने अपने कमरे में एक समानांतर प्रणाली स्थापित की थी और NSEIT कंपनी के सर्वर ऑपरेटर अंकुर सैनी और लैब अस्टिटेंट विनीत कुमार की सहायता से परीक्षा सर्वर तक अनधिकृत पहुंच प्राप्त की थी। इसके बाद, परीक्षा की इन फाइलों को हरियाणा में अजय नामक एक साथी के साथ साझा किया गया। इसने परीक्षा को पूरा करने के लिए सॉल्वरों का प्रबंध किया तथा उन आवेदकों को हल वापस भेजा, जिन्होंने इस अवैध सेवा के लिए भुगतान किया था।

एक पेपर के लेता था 50 हजार रुपये

जांच में पता चला कि वित्तीय व्यवस्था के तहत अरुण शर्मा को प्रति पेपर 50,000 रुपये , जबकि अंकुर सैनी और विनीत कुमार को 10-10,000 रुपये का भुगतान किया गया था। पुलिस ने कहा कि गिरोह के अन्य सदस्यों को निशाना बनाकर छापेमारी की जा रही है। गिरफ्तार लोगों के खिलाफ जिले के जानी थाने में कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

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