पश्चिम बंगाल में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के 50 चिकित्सकों के इस्तीफा देने का मामला सामने आया है। इन चिकित्सकों ने यह स्टेप पांच अक्टूबर से आमरण अनशन पर बैठे चिकित्सकों के प्रति एकता दिखाने के लिए उठाया है जो आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला चिकित्सक के साथ हुए बलात्कार एवं हत्या के मामले में उसके लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। वहीं, इसके बाद ही राज्य के दूसरे चिकित्सा महाविद्यालयों के सीनियर डॉक्टर्स के एक वर्ग ने कहा कि वे लोग भी एकता दिखाने के लिए इस्तीफा दे सकते हैं। जानकारी दे दें कि यह घटनाक्रम शहर में सात जूनियर डॉक्टर्स द्वारा की जा रही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल और राज्य के मेडिकल कॉलेज में उनके साथियों द्वारा एकता दिखाते हुए किए जा रहे प्रतीकात्मक 12 घंटे के उपवास के मद्देनजर सामने आया है।
राज्य-संचालित हॉस्पिटल्स के डॉक्टर्स के संगठनों में से एक ‘एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विसेज डॉक्टर्स’ के प्रतिनिधि डॉ. मानस गुमटा ने कहा, "अगर सरकार विरोध प्रदर्शन कर रहे कनिष्ठ चिकित्सकों की उचित और प्रासंगिक मांगों पर अपने पैर पीछे खींचती रही, तो हम सरकारी अस्पतालों के सभी वरिष्ठ चिकित्सकों से इस्तीफा देने के लिए राज्यव्यापी आह्वान करने के लिए मजबूर होंगे। यह हमारे कनिष्ठ सहयोगियों के साथ एकजुटता का एक कदम होगा। हम आज दिन खत्म होने से पहले अपने संगठन के भीतर इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।"
'नवंबर के पहले वीक तक जारी होंगे सुरक्षा उपाय'
स्टेट गवर्नमेंट ने अपनी तरफ से कहा है कि वह आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टर्स से किए गए वादे पर अमल करते हुए सुरक्षा के उपाय तैयार करेगी। साथ ही कहा कि इसे नवंबर के पहले वीक तक जारी करेगी। इन उपायों में केंद्रीकृत बिस्तर मैनेजमेंट सिस्टम, CCTV कैमरा और पैनिक बटन लगाया जाना शामिल हैं। आमरण अनशन पर बैठे चिकित्सकों की मांगों में राज्य के स्वास्थ्य सचिव को हटाना, मेडिकल कॉलेज परिसरों में नागरिक स्वयंसेवकों के बजाय पुरुष और महिला पुलिसकर्मियों की नियुक्ति, चिकित्सकों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों के रिक्त पदों को भरना, छात्र चुनाव कराना और रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन को मान्यता देना, राज्य चिकित्सा परिषद की कथित अनियमितताओं की जांच और 'धमकी देने वाले गिरोह' में शामिल लोगों को दंडित करने के लिए कॉलेज स्तर की जांच समितियों का गठन करना शामिल है।
'सामूहिक इस्तीफे का फैसला विभिन्न विभागों के प्रमुखों की बैठक में लिया गया'
सूत्रों ने बताया कि सामूहिक रूप से रिजाइन देने का फैसला मंगलवार सुबह सरकारी हॉस्टिपटल के विभिन्न विभागों के प्रमुखों की बैठक में लिया गया। एक सीनियर चिकित्सक ने कहा, "आज विभाग प्रमुखों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। हमारे अस्पताल के सभी 50 वरिष्ठ चिकित्सकों ने अपने त्यागपत्र पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। यह उन युवा चिकित्सकों के प्रति हमारी एकजुटता को व्यक्त करने के लिए है, जो एक मुद्दे के लिए लड़ रहे हैं।" उन्होंने कहा कि एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सीनियर चिकित्सक भी आरजी कर अस्पताल के अपने सहकर्मियों को फॉलो करने पर विचार कर रहे हैं। (Input PTI)
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