Thursday, December 12, 2024
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Education recruitment scam: पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों की नियुक्तियों में गड़बड़ी का मामला, मंत्री पार्थ चटर्जी से हुई पूछताछ, शुभेंदु अधिकारी ने लगाया है आरोप

पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों की नियुक्तियों में पाई गई कथित गड़बड़ियों के सिलसिले में सीबीआई ने राज्य के मंत्री पार्थ चटर्जी से बुधवार शाम को तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की।

Written by: Shashi Rai @km_shashi
Updated : May 19, 2022 9:09 IST
शिक्षा घोटाला मामले में पार्थ चटर्जी से पूछताछ- India TV Hindi
Image Source : ANI FILE PHOTO शिक्षा घोटाला मामले में पार्थ चटर्जी से पूछताछ

Highlights

  • शिक्षा घोटाला मामले में पार्थ चटर्जी से हुई पूछताछ
  • सीबीआई ने तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की
  • विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने चटर्जी पर लगाया है आरोप

Education recruitment scam: पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों की नियुक्तियों में पाई गई कथित गड़बड़ियों के सिलसिले में सीबीआई ने राज्य के मंत्री पार्थ चटर्जी से बुधवार शाम को तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। यह मामला राज्य में बड़ा विवाद बन गया है। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने चटर्जी पर इस घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोप लगाया है। चटर्जी के सीबीआई के समक्ष पेश होने से पहले, कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने एकल पीठ के उस आदेश को बुधवार को बरकरार रखा, जिसमें स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की सिफारिशों पर पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा की गई कथित अवैध नियुक्तियों की सीबीआई जांच करने का निर्देश दिया गया था। 

न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति ए. के. मुखर्जी की खंडपीठ ने कहा कि एकल पीठ के फैसले में हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है। खंडपीठ के आदेश के तुरंत बाद, न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने राज्य के मंत्री पार्थ चटर्जी को एसएससी नियुक्ति घोटाले के सिलसिले में बुधवार शाम छह बजे से पहले यहां स्थित केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया। चटर्जी के वकील ने इसके तुरंत बाद न्यायमूर्ति हरीश टंडन और न्यायमूर्ति रबींद्रनाथ सामंत की अन्य खंडपीठ के समक्ष तत्काल मौखिक याचिका दायर की, जिसमें न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय के आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इस पीठ ने यह कहते हुए याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया कि अपील अदालत की रजिस्ट्री में दायर नहीं की गई है, और इसलिए उच्च न्यायालय के नियमों के अनुसार सुनवाई नहीं की जा सकती। 

बाद में, शाम को मंत्री पूछताछ के लिए सीबीआई कार्यालय पहुंचे। न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने अपने आदेश में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि न्याय के हित में चटर्जी मंत्री पद से इस्तीफा देंगे। उन्होंने सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की लंबित भर्तियों की निगरानी के लिए नवंबर, 2019 में पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा गठित एक समिति के सभी पांच सदस्यों को सीबीआई के सामने पेश होने का निर्देश दिया। एकल पीठ ने अपने द्वारा पूर्व में पारित आदेशों के अनुसार सीबीआई को कथित अनियमितताओं की जांच जारी रखने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति तालुकदार और न्यायमूर्ति मुखर्जी की खंडपीठ ने स्कूल सेवा आयोग द्वारा अनुशंसित शिक्षक एवं गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितताओं को सार्वजनिक घोटाला करार दिया और कहा कि मामले में न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ द्वारा दिया गया सीबीआई जांच का आदेश गलत नहीं था। एकल पीठ ने इससे पहले भी मंत्री को 12 अप्रैल को निजाम पैलेस स्थित कार्यालय में सीबीआई के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था, लेकिन उन्हें आदेश पर खंडपीठ से स्थगन मिल गया था।

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