Saturday, July 27, 2024
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इजराइल और हमास के प्रमुखों पर लगे गंभीर आरोप, PM नेतन्याहू और Hamas Leaders हो सकते हैं गिरफ्तार

इजराइल और हमास के बीच जंग के हालात में इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट एक्शन मोड में नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू सहित इजराइल के दो नेताओं और हमास के तीन नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की घोषणा की गई है।

Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Published on: May 21, 2024 11:13 IST
International Criminal Court- India TV Hindi
Image Source : AP International Criminal Court

यरूशलम: इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है। जंग में हजारों लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग अपना घर छोड़कर सहायता कैंपों में रहने को मजबूर हैं। गाजा में अकाल जैसे हालात हैं इस बीच जंग को लेकर अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत का सख्त रुख देखने को मिला है। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के शीर्ष प्रॉसिक्यूटर ने युद्ध के दौरान अपराधों के लिए इजराइल और हमास के प्रमुखों पर आरोप लगाते हुए उन्हें मानवता के खिलाफ जघन्य अपराधों को अंजाम देने वाले वैश्विक नेताओं की सूची में डाल दिया है। 

गिरफ्तारी वारंट की घोषणा

आईसीसी के मुख्य प्रॉसिक्यूटर करीम खान ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू सहित इजराइल के दो नेताओं और हमास के तीन नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की घोषणा की है। खान ने बीते साल सात अक्टूबर को हमास की तरफ से इजराइल पर किए गए आतंकी हमलों पर भी एक्शन लिया। हमास के आतंकियों नें बीते साल दक्षिणी इजराइल पर हमला कर करीब 1,200 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था और करीब 250 लोगों को बंधक बना लिया था। इसके जवाब में इजराइल ने गाजा में सैन्य हमला किया जिसमें करीब 35,000 फलस्तीनीयों की मौत हो गई है। 

नेतन्याहू ने की निंदा 

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू ने इस फैसले की निंदा करते हुए इसे ‘‘वास्तविकता से कोसों दूर’’ करार दिया। उन्होंने कहा, ''मैं हेग प्रॉसिक्यूटर द्वारा लोकतांत्रिक इजराइल और हमास के सामूहिक हत्यारों के बीच की गई तुलना को कड़े शब्दों के साथ अस्वीकार करता हूं।'' वहीं हमास ने एक बयान में आरोप लगाया कि अभियोजक 'पीड़ित की तुलना जल्लाद से करने की कोशिश कर रहे हैं।' बयान के मुताबिक, हमास के पास इजराइली कब्जे का विरोध करने का अधिकार है। 

2002 में हुई थी स्थापना 

बता दें कि, अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत की स्थापना 2002 में हुई थी, जो युद्ध के दौरान अपराधों, मानवता के खिलाफ अपराधों, नरसंहार और हमले संबंधी अपराधों के लिए लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाती है। इजराइल, अमेरिका, चीन और रूस सहित कई देश न्यायालय के क्षेत्राधिकार को स्वीकार नहीं करते हैं। (भाषा)

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