यरूशलम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस्राइल यात्रा के दौरान भारत और इस्राइल अपने अपने संबंधों को बढ़ायेंगे और कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। भारत के किसी प्रधानमंत्री की यह पहली इस्राइल यात्रा है और लगातार उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरे द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती की दिशा में मोदी की इस यात्रा का बेहद अहम कदम के तौर पर स्वागत हुआ है।
मंगलवार से शुरू हो रही मोदी की तीन दिवसीय यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 25 साल पूरा होने के उपलक्ष्य पर केंद्रित है और इस दौरान महत्वपूर्ण सामरिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर नए आयाम ढूंढने के मकसद से मोदी एवं उनके इस्राइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू के बीच चर्चा होगी। दोनों पक्षों की ओर से नवोन्मेष, विकास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा अंतरिक्ष के क्षेत्र में कई समझाौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है। जल एवं कृषि क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के अलावा भारत और इस्राइल लोगों के बीच आपसी संपर्क, हवाई संपर्क और निवेश में मजबूती के तरीकों पर भी चर्चा करेंगे।
नेतन्याहू खुद एयरपोर्ट जाकर करेंगे मोदी का स्वागत
यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भी 4 करोड़ डॉलर की लागत से औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास की स्थापना के अलावा गंगा नदी के एक हिस्से की सफाई के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है। यात्रा से पहले नयी दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वह परस्पर हित के क्षेत्रों में द्विपक्षीय भागीदारी प्रगाढ़ करने के लिए वह प्रोत्साहन प्रदान करेगा। नेतन्याहू एयरपोर्ट पर मोदी का स्वागत करेंगे। यह एक विशेष शिष्टाचार अभिनंदन है जो सिर्फ पोप एवं अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए किया जाता है।भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे मोदी
इस्राइली प्रधानमंत्री कल मोदी के लिए विशेष डिनर का भी आयोजन करेंगे। नेतन्याहू 5 जुलाई को सामुदायिक स्वागत समारोह समेत अधिकतर कार्यक्रम में मोदी के साथ होंगे। मोदी हैफा में इंडियन सिमेट्री में भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे। मोदी 26/11 मुंबई आतंकी हमले में जीवित बचे होल्त्जबर्ग मोशे से भी मुलाकात करेंगे, जिन्हें उनकी भारतीय आया सांड्रा सैमुएल ने बचाया था। प्रधानमंत्री 5 जुलाई को इस्राइल के राष्ट्रपति रूवन रिवलिन और विपक्ष के नेता आईजैक हरजोग से भी मुलाकात करेंगे।