
नई दिल्ली: ईरान के एक वरिष्ठ राजनयिक ने बड़ा बयान दिया है। राजनयिक ने कहा है कि ईरान हमेशा शांति और सुरक्षा के पक्ष में है और तेहरान किसी भी शांति वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन शर्त यह है कि पहले इजरायली सैन्य कार्रवाई की निंदा की जाए। भारत में ईरान के मिशन के उप प्रमुख मोहम्मद जावेद हुसैनी ने यहां ‘पीटीआई वीडियो’ के साथ बातचीत में कहा कि अमेरिकियों को दबाव डालना चाहिए और दूसरे पक्ष को बातचीत की मेज पर लाना चाहिए। बातचीत के दौरान हुसैनी ने आरोप लगाया, "इजरायली शासन ने कुछ निराधार आरोपों के बहाने से हम पर हमला किया।" उन्होंने कहा, "वास्तव में हमने आत्मरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सहारा लेने की कोशिश की और जवाबी कार्रवाई की।"
'शांति और सुरक्षा के पक्ष में है ईरान'
मोहम्मद जावेद हुसैनी ने कहा कि, ईरान ने "दिखाया कि हम अपने देश, विदेशी नागरिकों सहित अपने लोगों की रक्षा करने में सक्षम हैं", उन्होंने आरोप लगाया कि इजरायल की सैन्य कार्रवाई ने गैर-सैन्य स्थलों को भी निशाना बनाया है। पश्चिम एशिया में स्थिति के लगातार बिगड़ने पर ईरानी राजनयिक ने कहा, "ईरान हमेशा शांति और सुरक्षा के पक्ष में है" और तेहरान "क्षेत्र में स्थिरता के संबंध में किसी भी पहल का स्वागत करता है।"
भारत को लेकर क्या बोले हुसैनी?
हुसैनी ने कहा, "हम किसी भी शांति वार्ता के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि पहले इजरायल की उसके कृत्यों और उसने जो किया है, उसके लिए उसकी निंदा की जाए।” यह पूछे जाने पर कि तनाव को कम करने में भारत क्या भूमिका निभा सकता है, हुसैनी ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि भारत एक मित्रवत और बंधुत्व वाले देश के रूप में, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सामूहिक कार्रवाई में इजरायली शासन पर शत्रुता को रोकने के लिए दबाव डालेगा।" उन्होंने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि भारत अन्य देशों के साथ मिलकर इन मामलों में सक्रिय रूप से शामिल होगा।"
ईरान में जारी हैं इजरायल के हमले
ईरान की राजधानी तेहरान पर इजरायल के भीषण हमले जारी हैं। इजरायल ईरान के परमाणु कार्यक्रम और उसकी बैलिस्टिक मिसाइल क्षमताओं को नष्ट करना चाहता है। ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के तहत, इजरायल ने ईरान के बड़े क्षेत्र पर कई हमले किए हैं, तेहरान ने भी तेल अवीव को चेतावनी देने के बाद जवाबी कार्रवाई की है।
क्या बोले इजरायल के राजदूत?
इससे पहले भारत में इजरायल के राजदूत रुवेन अजार ने मंगलवार को कहा था कि इजरायल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम और मिसाइल क्षमताओं को कमजोर करने के लिए सैन्य कार्रवाई की है। उन्होंने दावा किया था कि यह उनके देश के लिए खतरा था। उन्होंने कहा था कि इजरायल ईरान की सैन्य क्षमताओं को कम करने के लिए उसके सैन्य स्थलों को निशाना बना रहा है। (भाषा)
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