
वाशिंगटन: अअमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के सेना प्रमुख और फील्ड मार्शल असीम मुनीर के बीच व्हाइट हाउस में अहम बैठक हुई है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख मुनीर की ट्रंप से यह मुलाकात भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के कुछ सप्ताह बाद हुई है। बंद कमरे में हुई बैठक इजरायल और ईरान के मध्य बढ़ते तनाव के बीच हुई, जिसमें ट्रंप वाशिंगटन की संभावित भागीदारी पर विचार कर रहे हैं। इस्लामाबाद तेहरान के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों के लिए जाना जाता है।
G7 समिट छोड़कर वाशिंगटन लौटे थे ट्रंप
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मुनीर ने व्हाइट हाउस में दोपहर के भोजन पर राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की। ट्रंप, इजरायल-ईरान संघर्ष के कारण पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने के बीच G7 शिखर सम्मेलन के लिए कनाडा के कनानसकीस की अपनी यात्रा को बीच में ही छोड़कर मंगलवार सुबह वाशिंगटन लौट आए थे।
'पाकिस्तान है अहम खिलाड़ी'
राष्ट्रपति ट्रंप ने बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "हमने ईरान-इजरायल के मुद्दे पर बातचीत की। पाकिस्तान ईरान को हमसे बेहतर समझता है और क्षेत्रीय शांति के लिए एक अहम खिलाड़ी हैं।" ट्रंप ने माना कि पाकिस्तान की क्षेत्रीय समझ और प्रभाव को देखते हुए, वह इस बढ़ते संघर्ष को कूटनीति के जरिए कम करने में मदद कर सकता है।
'ट्रंप और पीएम मोदी के बीच हुई बातचीत'
दिलचस्प बात यह है कि, प्रधानमंत्री मोदी के साथ फोन पर बातचीत के दौरान ट्रंप ने उनसे आग्रह किया कि क्या वह कनाडा से लौटते समय अमेरिका में रुक सकते हैं। इस बारे में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने ‘पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण’ ऐसा करने में अपनी असमर्थता व्यक्त की। फोन पर बातचीत में मोदी ने ट्रंप से कहा कि अमेरिका की मध्यस्थता के बिना दोनों सेनाओं के बीच सीधी बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान ने पिछले महीने अपनी सैन्य गतिविधियां रोक दी थीं।
'मध्यस्थता कभी स्वीकार नहीं करेगा भारत'
मिसरी ने कहा कि मोदी ने दृढ़ता से कहा कि भारत मध्यस्थता को ‘कभी स्वीकार नहीं करेगा’, सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच चर्चा इस्लामाबाद के अनुरोध पर शुरू की गई थी। प्रधानमंत्री का यह बयान ट्रंप की ओर से लगातार किए गए इस दावे को लेकर आया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते में मध्यस्थता की थी।
जानें दिलचस्प बात
असीम मुनीर को यह निमंत्रण अमेरिका की तरफ से किसी सेवारत पाकिस्तानी सेना प्रमुख को दिया गया एक दुर्लभ संकेत माना जा रहा है। अयूब खान, जिया उल-हक और परवेज मुशर्रफ जैसे पाकिस्तानी सेना प्रमुखों को इस तरह के निमंत्रण मिलने के कई उदाहरण हैं, लेकिन वो राष्ट्रपति के पद पर भी थे। (भाषा)
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