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अब जापान रख सकेगा उत्तर कोरिया और चीन की हर हरकतों में पर पैनी नजर, प्रक्षेपित किया पृथ्वी निगरानी उपग्रह

जापान ने उत्तर कोरिया की बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण का करारा जवाब दिया है। आज जापान ने अपना नया पृथ्वी निगरानी उपग्रह प्रक्षेपित किया है। जापान के एच3 नंबर 3 रॉकेट ने दक्षिण पश्चिमी के एक द्वीप पर तानेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी और करीब 16 मिनट बाद तय योजना के अनुसार अपना ‘पेलोड’ (उपग्रह) छोड़ा।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jul 01, 2024 11:46 IST, Updated : Jul 01, 2024 11:46 IST
जापान ने प्रक्षेपित किया पृथ्वी निगरानी उपग्रह।- India TV Hindi
Image Source : REUTERS जापान ने प्रक्षेपित किया पृथ्वी निगरानी उपग्रह।

टोकियो: जापान ने उत्तर कोरिया को मुंहतोड़ जवाब देते हुए पृथ्वी निगरानी उपग्रह का प्रक्षेपण किया है। इससे पहले उत्तर कोरिया ने अमेरिका-जापान और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास के जवाब में 2 बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया था। अब जापान ने पृथ्वी निगरानी उपग्रह छोड़कर किम जोंग के अलावा चीन को भी चिंतित कर दिया है। जापान ने सोमवार को अपना नया महत्वाकांक्षी एच3 रॉकेट प्रक्षेपित करने के साथ ही आपदा प्रतिक्रिया और सुरक्षा के लिए एक उन्नत पृथ्वी निगरानी उपग्रह अंतरिक्ष में तैनात कर दिया। ‘

जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी’ (जाक्सा) ने बताया कि एच3 नंबर 3 रॉकेट ने दक्षिण पश्चिमी जापान के एक द्वीप पर तानेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी और करीब 16 मिनट बाद तय योजना के अनुसार अपना ‘पेलोड’ (उपग्रह) छोड़ा। उन्नत भूमि निरीक्षण उपग्रह या एएलओएस-4 को आपदा प्रतिक्रिया तथा मानचित्रण के लिए पृथ्वी की निगरानी करने तथा डेटा एकत्रित करने का काम सौंपा गया है। यह सैन्य गतिविधि जैसे कि मिसाइल प्रक्षेपण पर नजर रखने में भी सक्षम है।

खराब मौसम बना प्रक्षेपण में देरी की वजह

पहले यह प्रक्षेपण रविवार को किया जाना था, लेकिन खराब मौसम के कारण इसमें देरी हुई। एएलओएस-4 मौजूदा एएलओएस-2 की जगह लेगा और यह अधिक व्यापक क्षेत्र की निगरानी कर सकता है। जापान कुछ समय के लिए दोनों उपग्रह का संचालन करेगा। जापान एक स्थिर, व्यावसायिक रूप से प्रतिस्पर्धी अंतरिक्ष परिवहन क्षमता को अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण मानता है। जापान अब इस उपग्रह के जरिये उत्तर कोरिया और चीन की हरकतों पर निगरानी भी रख सकेगा। (एपी)

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