Wednesday, December 11, 2024
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फ्रांस के पहले दौर के चुनावों में धुर दक्षिणपंथी मरीन ले पेन की पार्टी की धमाकेदार जीत, इमैनुएल मैक्रों की विदाई तय

फ्रांस के संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की हार और उनकी विदाई अब तय मानी जा रही है। पहले दौर के मतदान के बाद नेशनल रैली की नेता धुर-दक्षिणपंथी ले पेन की पार्टी को धमाकेदार जीत हासिल हुई है। ऐसे में नाजी युग के बाद पहली बार धुर-दक्षिणपंथियों के हाथ में सत्ता जाती हुई दिख रही है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jul 01, 2024 10:43 IST, Updated : Jul 01, 2024 10:43 IST
दक्षिण पंथी नेता मरीन ले पेन (बाएं) और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (दाएं)- India TV Hindi
Image Source : REUTERS दक्षिण पंथी नेता मरीन ले पेन (बाएं) और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (दाएं)

पेरिसः फ्रांस संसदीय चुनावों के पहले चरण के मतदान में धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन की पार्टी नेशनल रैली (आरएन) की धमाकेदार जीत हुई है। इसके बाद 7 जुलाई को दूसरे चरण का मतदान होना है। मगर तमाम एग्जिट पोल के अनुसार धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन की पार्टी नेशनल रैली (आरएन) ही सरकार बनाती दिख रही है। वहीं राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की विदाई अब तय मानी जा रही है। मरीन ले पेन ने फ्रांस के संसदीय चुनाव के पहले दौर में  रविवार को ऐतिहासिक बढ़त हासिल करते हुए जीत हासिल की, लेकिन अंतिम परिणाम पहले चरण में जीते उम्मीदवारों की खरीद-फरोख्त पर भी निर्भर करेगा।

बता दें कि रन-ऑफ इप्सोस, आईफॉप, ओपिनियनवे और एलाबे के एग्जिट पोल के अनुसार ले पेन की पार्टी आरएन को लगभग 34% वोट हासिल करने की संभावना है। यह राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। मैक्रों ने यूरोपीय संसद चुनावों में आरएन की जीत और अपने उम्मीदवार की हार के बाद तत्काल चुनाव की घोषणा कर दी थी। कुल वोट में आरएन का हिस्सा वामपंथी और मध्यमार्गी प्रतिद्वंद्वियों से काफी आगे था, जिसमें मैक्रों का टुगेदर गठबंधन भी शामिल था, जिसका ब्लॉक 20.5% -23% जीतता हुआ देखा गया था। एग्जिट पोल से पता चला कि हाल में बनाए गए वामपंथी गठबंधन न्यू पॉपुलर फ्रंट (NPF)को लगभग 29% वोट मिलने का अनुमान है। 

अब मैक्रों का क्या होगा

एग्ज़िट पोल चुनाव से पहले जनमत सर्वेक्षणों के अनुरूप थे और ले पेन के समर्थकों ने इस पर ख़ुशी जताई। मगर अभी यह स्पष्ट नहीं है कि आप्रवासी विरोधी, यूरोसेप्टिक आरएन अगले रविवार के रन-ऑफ के बाद यूरोपीय संघ समर्थक मैक्रों के साथ सहयोग करने के लिए क्या सरकार बनाने में सक्षम होंगे। फ्रांस में कई लोगों के लिए लंबे समय तक अछूत रही आरएन अब पहले की तुलना में सत्ता के करीब है। ले पेन ने नस्लवाद और यहूदी विरोधी भावना के लिए जानी जाने वाली पार्टी की छवि को साफ करने की कोशिश की है। पार्टी की यही रणनीति मैक्रों पर मतदाताओं के गुस्से, जीवनयापन की उच्च लागत और आप्रवासन पर बढ़ती चिंताओं के बीच काम कर गई है। 

केंद्रीय दक्षिण पंथी और मध्यपंथी ने आरएन को सत्ता से अब तक रखा दूर

अगर ले पेन की पार्टी जीतती है तो नाजी युग में यह पहली बार होगा की आरएन सत्ता हासिल करेगी। जबकि फ्रांस में अब तक केंद्रीय दक्षिण पंथी और मध्यपंथी ने आरएन को सत्ता से दूर रखा। ले पेन ने उत्साही भीड़ से कहा, "फ्रांसीसियों ने एक घृणित और संक्षारक शक्ति के पन्ने को पलटने की अपनी इच्छा दिखाई है।" अगले सप्ताह आरएन के जीतने की संभावना आने वाले दिनों में उसके प्रतिद्वंद्वियों द्वारा किए गए राजनीतिक समझौते पर निर्भर करेगी। यदि पहले दौर में कोई भी उम्मीदवार 50% तक नहीं पहुंचता है, तो शीर्ष दो दावेदार स्वचालित रूप से दूसरे दौर के लिए अर्हता प्राप्त कर लेते हैं, साथ ही वे सभी जिनके पास 12.5% ​​पंजीकृत मतदाता हैं। रन-ऑफ़ में, जो भी सबसे अधिक वोट जीतता है वह निर्वाचन क्षेत्र लेता है। (रॉयटर्स)

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