Saturday, April 27, 2024
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Arshad Sharif: पाकिस्तान की इंटरनेशनल साजिश! सेना के खिलाफ बोलने वाले पत्रकार की इस देश में हत्या, पुलिस ने 'गलती' से गोलियों से भून डाला

Arshad Sharif Murder: पाकिस्तानी पत्रकार की केन्या में हत्या कर दी गई है। उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज था और वह सेना के खिलाफ मुखर थे।

Shilpa Written By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Updated on: October 25, 2022 14:52 IST
Pakistani Journalist Arshad Sharif Murder - India TV Hindi
Image Source : TWITTER Pakistani Journalist Arshad Sharif Murder

Highlights

  • पाकिस्तान के पत्रकार की केन्या में हत्या
  • पुलिस ने गलती से मारने की बात कही
  • सेना के खिलाफ बोल रहे थे शरीफ

 

Arshad Sharif Murder: पाकिस्तान के एक वरिष्ठ पत्रकार की केन्या में बेरहमी से गोली मारकर हत्या कर दी गई है। ये जानकारी पत्रकार की पत्नी ने सोमवार को दी थी। इस हत्या के बाद से पाकिस्तान की सेना सवालों के घेरे में है। इस साल की शुरुआत में देश की सुरक्षा एजेंसियों ने इस पत्रकार पर देशद्रोह और राष्ट्र विरोधी विमर्श में शामिल होने का आरोप लगाया था। ‘एआरवाई टीवी’ के पूर्व रिपोर्टर, टीवी एंकर और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी माने जाने वाले 49 साल के अरशद शरीफ केन्या में रह रहे थे। अरशद शरीफ की पत्नी जावेरिया सिद्दीकी ने उनके निधन की खबर की ट्विटर पर पुष्टि की। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘मैंने आज अपने दोस्त, पति और अपने पसंदीदा पत्रकार को खो दिया। पुलिस के अनुसार उन्हें केन्या में गोली मार दी गई।’  

समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, अरशद शरीफ की गोली मारकर हत्या की गई है। पुलिस का कहना है कि एक बच्चे के अपहरण के सिलसिले में तलाशी के दौरान गलत पहचान के चलते शरीफ को गोली मारी गई। वहीं पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के कार्यालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार ने बताया कि केन्या में पाकिस्तानी उच्चायोग स्थानीय अधिकारियों से जानकारी जुटा रहा है। इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी और उसके वरिष्ठ नेताओं ने अरशद शरीफ की हत्या की निंदा करते हुए इस सिलसिले में विस्तृत जांच की मांग की है।

इमरान खान ने हैरानी जताई

इमरान खान ने ट्वीट किया, 'सच बोलने की कीमत चुकाने वाले अरशद शरीफ की नृशंस हत्या से स्तब्ध हूं। उन्हें देश छोड़कर विदेश में छिपना पड़ा लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए सत्ता में बैठे ताकतवर लोगों का पर्दाफाश करते हुए सच बोलना जारी रखा। आज पूरा देश उनके निधन पर शोक व्यक्त कर रहा है।' प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार अरशद शरीफ की दुखद मौत की चौंकाने वाली खबर से उन्हें 'गहरा दुख' हुआ है। शरीफ ने एक ट्वीट में कहा, 'मेरी गहरी संवेदनाएं शोकग्रस्त परिवार के साथ हैं।'

अगस्त में अरशद शरीफ पर खान के करीबी सहयोगी शहबाज गिल का साक्षात्कार करने को लेकर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। साक्षात्कार में गिल ने देश की शक्तिशाली सेना के खिलाफ खान को खड़ा करने की कोशिश करने के लिए शहबाज शरीफ सरकार की आलोचना की थी। अरशद शरीफ बाद में देश छोड़कर चले गए, जबकि ‘एआरवाई  नेटवर्क’ ने कहा कि उसने पत्रकार से अपने रास्ते ‘अलग’ कर लिए हैं। अरशद शरीफ के पाकिस्तान छोड़ने के एक महीने बाद, एआरवाई टेलीविजन ने उन्हें यह कहते हुए नौकरी से निकाल दिया कि उन्होंने टीवी स्टेशन की नीति का उल्लंघन करते हुए सोशल मीडिया पर सेना की बार-बार आलोचना की थी।

राष्ट्रपति से मिला था सम्मान

सोमवार और बृहस्पतिवार को प्रसारित होने वाले उनके शो ‘पावरप्ले‘ को बंद कर दिया गया था। अरशद शरीफ का जन्म 1973 में कराची में हुआ था और उन्होंने तीन दशक पहले अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की थी। उन्हें 2019 में पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा ‘प्राइड ऑफ परफॉर्मेंस’ से सम्मानित किया गया था। राष्ट्रपति अल्वी ने एक ट्वीट में कहा, 'अरशद शरीफ का निधन पत्रकारिता और पाकिस्तान के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। उनकी आत्मा को शांति मिले और उनके परिवार को, जिसमें उनके समर्थक भी शामिल हैं, इस क्षति को सहन करने की शक्ति मिले।' अरशद शरीफ आखिरी बार 'बिहाइंड क्लोज्ड डोर्स' नामक एक वृत्तचित्र में नजर आए थे। दोस्तों ने शरीफ की हत्या की गहन जांच कराए जाने की मांग की है।

अरशद शरीफ की मौत को लेकर लोगों में शक है कि इसके पीछे पाकिस्तान सरकार या सेना का हाथ हो सकता है। पाकिस्तान में इससे पहले भी सेना के खिलाफ बोलने वाले पत्रकारों का यही हाल हुआ है। लेकिन ज्यादातर की हत्या देश के भीतर हुई थी। बेशक केन्या की पुलिस ने बयान जारी कर कहा है कि पत्रकार की हत्या उसी के हाथों गलती से हुई है। लेकिन सवाल ये भी उठाए जा रहे हैं कि पुलिस इतनी बड़ी गलती कैसे कर सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि इसके पीछे पाकिस्तान सरकार या सेना का हाथ हो। केन्या के राजनेता भी ट्वीट करते हुए नैरोबी की पुलिस से पूछ रहे हैं कि इस हत्या के पीछे किसका हाथ है। किसने बंदूक का ट्रिगर दबाया। लोगों का कहना है कि वह जानना चाहते हैं कि शरीफ को आखिर क्यों मारा गया है। 

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