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बांग्लादेश के बाद क्या पाकिस्तान में भी होने वाला है तख्तापलट, जानें क्यों सड़कों पर उतरे हजारों प्रदर्शनकारी?

बांग्लादेश की तर्ज पर पाकिस्तान में भी व्यापक हड़ताल और विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो चुका है। कभी महंगाई को लेकर तो कभी बिजली बिलों और करों में बढ़ोत्तरी को लेकर लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर रहे हैं। इस बार महंगी बिजली और बढ़े कर के खिलाफ लोग आंदोलन कर रहे हैं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Aug 28, 2024 15:29 IST, Updated : Aug 28, 2024 16:16 IST
पाकिस्तान में सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी (फाइल फोटो)- India TV Hindi
Image Source : AP पाकिस्तान में सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी (फाइल फोटो)

इस्लामाबादः बांग्लादेश की तर्ज पर क्या पाकिस्तान में भी तख्तापलट होने वाला है? आखिर क्यों हजारों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। सबके हाथों में पोस्टर, बैनर, पैम्फलेट और झंडे हैं। प्रदर्शनकारी सड़कों पर घूम-घूमकर सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे हैं। यहां भी हड़ताल और विरोध प्रदर्शनों का व्यापक दौर शुरू हो चुका है। हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर कर बवाल काट रहे हैं। इससे पाकिस्तान सरकार की अभी से सांसें फूलने लगी हैं। पाकिस्तान को डर है कि कहीं ये आंदोलन भी बांग्लादेश की तरह हिंसा और दंगे में न बदल जाए, जहां से तख्तापलट का खतरा है।

पाकिस्तान में बिजली की दरों में वृद्धि और दुकानदारों पर लगाए गए नए करों के विरोध में बुधवार को व्यापारी हड़ताल पर चले गए। यहां प्रमुख शहरों और नगरीय क्षेत्रों में अपने कारोबार बंद कर दिए। पिछले महीने पाकिस्तान द्वारा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ सात अरब अमेरिकी डॉलर के नए ऋण के लिए समझौता किए जाने के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार ने बिजली की दरों में लगातार वृद्धि की है। इन बढ़ती दरों ने भारी असंतोष पैदा कर दिया है।

बिजली बिल में बढ़ोत्तरी से आम लोग सड़कों पर उतरे

लगातार बिजली की बढ़ती कीमतों के चलते आम पाकिस्तानी परेशान हो चुके हैं और वह अब विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आज पूरे पाकिस्तान में अधिकतर बाजार बंद रहे, हालांकि दवाओं की दुकानें और किराना दुकानें खुली रहीं। हड़ताल कर रहे एक नेता काशिफ चौधरी ने कहा कि आम जनता को असुविधा न हो, इसलिए इन दुकानों को बंद नहीं किया गया। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद, निकटवर्ती शहर रावलपिंडी और देश की सांस्कृतिक राजधानी लाहौर तथा मुख्य आर्थिक केंद्र कराची में दुकानें बंद रहीं। हड़ताल का आह्वान धार्मिक जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान पार्टी के प्रमुख नईम-उर-रहमान ने किया और अधिकांश व्यापारी संगठनों ने इसका समर्थन किया।

पाकिस्तान की हालत है खस्ता

उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा और दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांतों में व्यापारियों ने आंशिक हड़ताल की, जहां कुछ दुकानें खुली रहीं। हड़ताल का उद्देश्य हाल ही में बिजली बिलों में की गई बढ़ोतरी तथा आईएमएफ के साथ हुई वार्ता के बाद लगाए गए विवादास्पद कर को वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव डालना है। जुलाई में हुआ समझौता पाकिस्तान द्वारा अपनी अर्थव्यवस्था को सहारा देने और वैश्विक ऋणदाता से आर्थिक सहयोग के माध्यम से अपने ऋणों से निपटने के लिए किया गया नवीनतम प्रयास था। इस वर्ष की शुरुआत में, आईएमएफ ने पाकिस्तान के लिए 1.1 अरब डॉलर के तत्काल ऋण को मंजूरी दी थी। (एपी) 

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