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ब्रिटेन की जेल में बंद भारतीय भगोड़े नीरव मोदी को कोर्ट से लगा बड़ा झटका, जज ने खारिज की याचिका

भारत में नीरव के खिलाफ तीन आपराधिक मामले चल रहे हैं जिनमें पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में धोखाधड़ी का सीबीआई मामला, उस धोखाधड़ी की आय की कथित धनशोधन से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय का मामला और तीसरा सबूतों और गवाहों से कथित छेड़छाड़ को लेकर आपराधिक कार्यवाही शामिल है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : May 08, 2024 14:11 IST, Updated : May 08, 2024 14:11 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : REUTERS प्रतीकात्मक फोटो

लंदन: भारतीय बैंकों को हजारों करोड़ रुपये का चूना लगाने वाला भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी को ब्रिटेन की कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने नीरव मोदी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें कि आरोपी गत पांच साल से लंदन की कारागार में बंद है और मंलगवार को उसने जमानत के लिए अर्जी दी थी, जिसे ब्रिटेन के न्यायधीश ने खारिज कर दिया। जज ने कहा कि जमानत देने पर उसके न्याय की पकड़ से भागने का ‘काफी खतरा’ है। हीरा व्यापारी नीरव(52) भारत में धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों का सामना कर रहा है और भारत को प्रत्यर्पित करने के खिलाफ अपना मुकदमा वह हार चुका था। था।

लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में उसके द्वारा दाखिल की गई जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान वह उपस्थित नहीं हुआ, लेकिन उसका बेटा और दो बेटियां मौजूद थे। जिला न्यायाधीश जॉन जानी ने उसकी कानूनी टीम की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि पिछली जमानत अर्जी करीब साढ़े तीन साल पहले दाखिल की गई थी और इतने समय बाद सुनवाई को आगे बढ़ाने की अनुमति देने के लिए परिस्थितियों में बदलाव आया है। संक्षिप्त सुनवाई के बाद न्यायाधीश जानी ने फैसले में कहा, ‘‘हालांकि, मैं संतुष्ट हूं कि जमानत के खिलाफ पर्याप्त आधार बने हुए हैं। एक वास्तविक और पर्याप्त जोखिम यह है कि आवेदक (नीरव मोदी) अदालत में उपस्थित होने या गवाहों के साथ हस्तक्षेप नहीं करने में विफल रहेगा। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में, किसी भी स्तर पर, एक बहुत बड़ा धोखाधड़ी का आरोप शामिल है.ऐसा में जमानत नहीं दी जा सकती है और आवेदन अस्वीकार किया जाता है।

सुनवाई के दौरान सीबीआई और ईडी की टीम रही मौजूद

 सीपीएस बैरिस्टर निकोलस हर्न ने अदालत को बताया, ‘‘उसने भारतीय अदालत में आरोपों का सामना न करने के लिए अपना पूरा दृढ़ संकल्प प्रदर्शित किया है और यह कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि संबंधित धोखाधड़ी एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है, जिसमें से केवल 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर जब्त किए गए हैं। इसलिए, उसके पास अभी भी विभिन्न न्यायाक्षेत्रों में महत्वपूर्ण संसाधनों तक पहुंच हो सकती है।’’ सुनवाई के लिए भारत से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक संयुक्त टीम पहुंची थी और अदालत की कार्यवाही के दौरान उपस्थित रही। उसे 19 मार्च, 2019 को प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया गया था और ब्रिटेन की तत्कालीन गृहमंत्री प्रीति पटेल ने अप्रैल 2021 में उसके प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। (भाषा) 

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