
बर्लिन: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने शुक्रवार को जर्मनी के बर्लिन शहर में भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने न केवल भारत-जर्मनी संबंधों की प्रगति पर चर्चा की, बल्कि प्रवासी भारतीयों की भूमिका को भी अहम बताया। डॉ. जयशंकर ने इस मुलाकात को "अच्छी और सार्थक बातचीत" बताया। उन्होंने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच गहराती रणनीतिक साझेदारी में प्रवासी भारतीयों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। मंत्री ने समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए उनसे आग्रह किया कि वे भारत की प्रगति, संस्कृति और मूल्यों की कहानी जर्मनी में अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं।
प्रवासी भारतीयों से भारत की कहानी साझा करने का अनुरोध
जयशंकर ने कहा, "मैंने भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे भारत के विकास की कहानी अन्य के साथ साझा करें और हमारे द्विपक्षीय संबंधों की पूरी क्षमता को साकार करने में भूमिका निभाएं। आज का भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है, और हम दुनिया के साथ नए सिरे से जुड़ने को तैयार हैं।" उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार, व्यापार और सांस्कृतिक क्षेत्रों में भारत-जर्मनी सहयोग को और अधिक ऊंचाई पर ले जाने के लिए प्रवासी भारतीयों की भूमिका एक सेतु की तरह है।
जर्मनी में भारतीय समुदाय की सराहना
जयशंकर ने जर्मनी में बसे भारतीयों की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल अपनी मेहनत और लगन से जर्मन समाज में एक खास जगह बनाई है, बल्कि भारत की सकारात्मक छवि को भी मजबूत किया है। इस अवसर पर कई प्रमुख प्रवासी संगठनों के प्रतिनिधि, व्यवसायी, शिक्षाविद और युवा पेशेवर उपस्थित थे। उन्होंने विदेश मंत्री से शिक्षा, व्यापार, वीजा प्रक्रियाओं और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
भारत-जर्मनी संबंधों पर फोकस
यह बैठक ऐसे समय हुई है जब भारत और जर्मनी के बीच व्यापार, रक्षा, हरित ऊर्जा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ रहा है। दोनों देशों के बीच मजबूत ऐतिहासिक संबंध हैं और इन संबंधों को 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुसार और प्रगाढ़ करने के प्रयास लगातार जारी हैं।