Friday, March 29, 2024
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Kashmir Issue: पाकिस्तान और जर्मनी ने कश्मीर पर ऐसा क्या कहा, जिससे नाराज हुआ भारत? तुरंत विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर मुंहतोड़ जवाब दिया

Pakistan-Germany on Kashmir: कश्मीर मामले में पूरी बकवास पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने शुरू की। जो जर्मनी दौरे पर हैं। उन्होंने शनिवार के दिन राजधानी बर्लिन में वहां की विदेश मंत्री एनालीना बेयरबॉक के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।

Shilpa Written By: Shilpa
Updated on: October 09, 2022 13:32 IST
Pakistan Germany Foreign Ministers- India TV Hindi
Image Source : AP Pakistan Germany Foreign Ministers

Highlights

  • जर्मनी ने जम्मू कश्मीर पर दिया बयान
  • पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी बोले
  • जर्मनी दौरे पर हैं बिलावल भुट्टो जरदारी

Pakistan-Germany on Kashmir: पाकिस्तान हर जगह कश्मीर राग अलापता रहता है और हर बार मुंह की खाता है, इसमें कोई दो राय नहीं। भारत जानता है कि आतंक को पालने वाला पाकिस्तान किस तरह के नापाक मंसूबे रखता है। लेकिन बात तब गुस्सा दिलाने वाली हो जाती है, जब कोई और देश पाकिस्तान की बातों में आ जाए, और उल जलूल बकवास करने लगे। जैसा कि जर्मनी ने किया है। दरअसल पाकिस्तान और जर्मनी के विदेश मंत्रियों ने मुलाकात की है और जम्मू कश्मीर को लेकर टिप्पणी भी की। जिसपर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारत ने इन दोनों ही देशों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा है कि वह कश्मीर मुद्दे के बजाय पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों से मुकाबला करने पर ध्यान दें, जो लंबे वक्त से भारत के जम्मू कश्मीर को निशाना बनाते रहे हैं। 

कश्मीर मामले में पूरी बकवास पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने शुरू की। जो जर्मनी दौरे पर हैं। उन्होंने शनिवार के दिन राजधानी बर्लिन में वहां की विदेश मंत्री एनालीना बेयरबॉक के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। बयान जारी करते हुए दोनों ही मंत्रियों ने कश्मीर का जिक्र किया। इस दौरान जर्मनी की विदेश मंत्री ने खुलकर अपनी बात रखी। जिसके बाद भारत को बयान जारी करना पड़ा। तो चलिए विस्तार से जान लेते हैं कि किसने क्या कहा है? 

जर्मनी ने क्या कहा है?

जर्मनी की विदेश मंत्री एनालीना बेयरबॉक ने जम्मू कश्मीर से जुडे़ सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'मेरा ऐसा मानना है कि दुनिया में सभी देशों की भूमिका संघर्षों को समाप्त करने और हम शांति भरी दुनिया में रहें ये सुनिश्चित करने की है। मेरी अपील केवल यूरोप के हालात को लेकर नहीं है, जहां रूस ने यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ी हुई है। बल्कि हमारी जिम्मेदारी ये है कि हम दूसरे क्षेत्रों को भी देखें, जहां तनाव और युद्ध की स्थिति बनी हुई है। मैं कह सकती हूं कि बिलकुल कश्मीर की स्थिति के मामले में जर्मनी की भी भूमिका और जिम्मेदारी है। हालांकि हम शांतिपूर्ण समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की बातचीत का समर्थन करते हैं।'

इसके बाद बेयरबॉक ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री संग बातचीत, भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पार सहयोग में सकारात्मक संकेत, दोनों देशों के बीच हुए संघर्ष विराम को लेकर बात की। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान संघर्ष विराम और संयुक्त राष्ट्र के मार्ग का पालन करें और इससे राजनीतिक बातचीत को बढ़ाएं। ऐसा पहली बार नहीं है, जब जर्मनी भारत के आंतरिक मामले में बोला हो। बल्कि इससे पहले जुलाई में भी वहां के विदेश मंत्रालय ने ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर बयान जारी करते हुए भारत के लोकतंत्र पर तंज कसा था।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री क्या बोले?

इस फसाद की जड़ यानी पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत पर आरोप लगाया कि वह कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। जिसके कारण क्षेत्र में शांति और स्थिरता को खतरा है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के बिना इस समस्या का समाधान संभव नहीं है। 

भारत ने दोनों को दिया मुंहतोड़ जवाब

पाकिस्तान और जर्मनी के बयान के बाद भारत ने तुरंत बयान जारी किया। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि वैश्विक समुदाय के सभी ईमानदार देशों की जिम्मेदारी बनती है कि वह अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और खासतौर से सीमापार आतंकवाद को खत्म करें। भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि जम्मू कश्मीर दशकों से आतंकवादी अभियान का खामियाजा भुगत रहा है, जो अभी भी जारी है। सीमा पार (यानी पाकिस्तान) के आतंकवाद के कारण कश्मीर के साथ-साथ भारत के अन्य हिस्सों में भी विदेशी नागरिक निशाना बन रहे हैं।

भारत ने फिर 26/11 आतंकी हमले का जिक्र किया और कहा कि यूएनएससी (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) और एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) अब भी पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों को तलाश रहे हैं। भारत ने इन्हें सख्त संदेश देते हुए कहा, 'जब देश स्वार्थ और मतभेदों के चलते ऐसे खतरों को नहीं मानते, तो वो शांति के काम को बढ़ावा नहीं देते बल्कि उसे नजरअंदाज करते हैं। वह आतंकवाद के शिकार लोगों के साथ घोर अन्याय भी करते हैं।'

इस मामले में भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने कहा, 'जर्मनी को कश्मीर में भूमिका या जिम्मेदारी किसने दी? जर्मनी को हमारे क्षेत्र में अपनेआप को बड़ी ताकतवर हस्ती मानने के बजाय यूरोप में अपनी गिर रही स्थिति के बारे में चिंता करनी चाहिए।'  

क्यों भारत से चिढ़ा हुआ है जर्मनी? 

 
जर्मनी भारत को लेकर कई बार बकवास कर चुका है। उसने यूक्रेन में युद्ध छिड़ने के बाद रूस से तेल खरीदने के भारत के फैसले पर नाराजगी जताई थी। वहीं भारत ने रूस की खुलकर आलोचना करने के बजाय हमेशा यही कहा है कि बातचीत से ही समाधान निकल सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि भारत रूस के खिलाफ खुलकर खड़ा नहीं हुआ, इसी वजह से जर्मनी और पश्चिमी देश उससे नाराज हैं।

हाल में ही खबर आई थी कि पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत डोनाल्ड ब्लूम ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) का दौरा किया था और उसे 'आजाद जम्मू कश्मीर' कहकर संबोधित किया। यहां हैरानी वाली बात ये कही गई कि अमेरिका अभी तक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर कहता था, मगर अब उसने अचानक से उसे 'आजाद जम्मू कश्मीर' कह दिया।

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