Highlights
- क्रीमिया ब्रिज पर ब्लास्ट के बाद से बौखला गया है रूस
- यूक्रेन की नाटो सदस्य बनने की लगातार कोशिश
- लंबी जंग से रूस की इकोनॉमी को हो रहा नुकसान
Russia Ukraine War News: यूक्रेन पर रूस के हमले लगातार जारी है। यह जंग और खतरनाक हो गई है। रूस अब यूक्रेन पर लगातार और ताबड़तोड़ हमले कर रहा है। इसी बीच भारत ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों से कहा है कि वे जल्दी ही यूक्रेन छोड़ें। इससे यह साबित हो रहा है कि रूस आने वाले समय में कोई 'बड़ा' हमला भी कर सकता है। इसे इस बात से भी समझा जा सकता है कि हाल ही में रूस ने 'परमाणु' हमले तक की चेतावनी दी थी। नाटो देशों की सीमा पर 11 न्यूक्लियर बॉम्बर्स लगाकर रूस अपने इरादे स्पष्ट कर चुका है। जानिए पुतिन क्यों बौखला गए हैं। क्यों रूस ताबड़तोड़ हमले कर रहा है। आने वाले समय में यह जंग क्या रूप लेगी और वर्ल्ड डिप्लोमेसी में रूस का क्या स्टैंड रहेगा।
सबसे पहले जान लेते हैं कि भारतीय दूतावास ने क्या एडवाइजरी जारी की है। दरअसल, रूस और यूक्रेन में पिछले 8 महीने से युद्ध जारी है। पिछले कुछ दिनों में रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैंं ऐसे में कीव में मौजूद भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी की हैं भारतीयों को तुरंत देश छोड़ने के लिए कहा गया है. यह एडवाइजरी रूसी हमलों में तेजी आने के बाद आई हैं। एडवाइजरी में इस बात का जिक्र कीव में भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी में कहा, 'बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और हाल ही में जंग में बगड़ते हालात को देखते हुए, भारतीय नागरिकों को यूक्रेन की यात्रा न करने की सलाह दी जाती हैं'।
यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले के ये हैं 4 बड़े कारण
1. क्रीमिया ब्रिज पर ब्लास्ट के बाद से बौखला गया है रूस
यूक्रेन-रूस के बीच हालात अब और पेचीदा होने लगे हैं। पिछले दिनों क्रीमिया पुल ब्लास्ट के बाद से ही रूस बौखलाया हुआ है। रूस ने 11 न्यूक्लियर बॉम्बर्स तक लगा दिए हैं। वहीं रूस ने हाल के समय में यूक्रेन के इलाकों पर ताबड़तोड़ हमले किए हैं। इसी बीच रूसी सैन्य शिविर पर हमले के एक दिन पहले ही रूस के राष्ट्रपति ने चेतावनी दी है कि उनके देश की सेना के साथ नाटो सैनिकों की टकराहट से वैश्विक तबाही होगी।
2. यूक्रेन की नाटो सदस्य बनने की लगातार कोशिश भी बड़े हमले की वजह
रूसी हमलों के बीच यूक्रेन NATO में शामिल होने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में यूक्रेन के NATO में शामिल होने को लेकर रूस ने हाल के समय में कड़ी प्रतिक्रिया दी है। रूसी सिक्योरिटी काउंसिल के डिप्टी सेक्रेटरी अलेक्जेंडर वेनेडिकतोव ने कहा कि यूक्रेन जानता है कि अगर वह नाटो में शामिल हुआ तो ये इस युद्ध को तीसरे विश्व युद्ध में तब्दील कर देगा। पुतिन के करीबी कहे जाने वाले अलेक्जेंडर वेनेडिकतोव ने कहा कि इस तरह का कदम उठाने का अंजाम खुद NATO सदस्य भी समझते हैं।
3. लंबी जंग से रूस की इकोनॉमी को हो रहा नुकसान
यूक्रेन के साथ रूस 24 फरवरी से लगातार जंग लड़ रहा है। अब वे इसे निर्णायक स्तर पर ले जाना चाहते हैं। क्योंकि लंबी लड़ाई से रूस की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान हो रहा है। कुछ जानकारों की मानें तो रूस ने अभी तक अपने अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल ही नहीं किया है। पारंपरिक तरीकों से वह यूक्रेन के इलाकों पर कब्जा कर रहा है। लेकिन उसे यह पता है कि जो देश उसका समर्थन कर रहे हैं, उन पर भी पश्चिमी देशों का दबाव है।
4. सैनिकों की हताशा, इसलिए बड़े हमलों से जंग को निर्णायक बना सकता है रूस
रूस के सैनिक लगातार जंग से हताश हो गए हैं। ऐसे में नए सैनिकों की जरूरत के लिए पुतिन ने हाल ही में नए और युवाओं की सैनिक भर्ती का ऐलान किया था। इसके बाद से ही रूस में युवाओं में खलबली मच गई। ऐसी परेशानियों के बीच रूस चाहेगा कि वह आने वाले समय में बड़े हमले करके इस जंग को निर्णायक मोड़ देA
जानिए पुतिन की चेतावनी की क्या है वर्ल्ड डिप्लोमेसी
रूस के राष्ट्रपति ने हाल ही में ये चेतावनी दी कि उनके देश की सेना के साथ नाटो सैनिकों की टकराहट से वैश्विक तबाही होगी। कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में उन्होंने कहा, रूसी सेना के साथ सीधे संपर्क या सैनिकों से नाटो का सीधा टकराव बेहद खतरनाक कदम होगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक तबाही का कारण बनने वाले ऐसे कदम किसी का भी भला नहीं करने वाले। इस चेतावनी के बाद नाटो देशों ने भी अपनी अपनी सेनाओं को अलर्ट किया है। अमेरिका ने भी रूस के खिलाफ बयान दिया है। पुतिन की इस प्रेशर डिप्लोमेसी नाटो देश इसलिए भी गंभीर मान रहे हैं क्योंकि जंग शुरू होने से पहले भी रूस ने चेतावनी दी थी। तब लगा था कि आज का समय जंग का नहीं है और रूस यूक्रेन पर जंग नहीं थोपेगा। लेकिन ऐसा हो न सका और यही कारण है कि पुतिन की इस चेतावनी को पश्चिमी देश गंभीरता से ले रहे हैं।
लागू होगा मार्शल लॉ
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में एक कानून पर हस्ताक्षर किए हैं। इस कानून के तहत यूक्रेन के जिन चार इलाकों को रूस ने अलग करने की घोषणा की थी, वहां मार्शल लॉ लागू हो जाएगा। रूस के इस कदम को अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन माना जा रहा है। ये चार इलाके हैं- खेरसोन, जेपोरिजिया, दोनेत्स और लुहांस्क।
भारत ने चलाया था रेस्क्यू मिशन
इस युद्ध की शुरुआत फरवरी महीने में हुई थी। रूस ने 24 फरवरी को सुबह यूक्रेन पर हमला किया। भारत ने आक्रमण के बाद एक बड़े पैमाने पर निकासी अभियान चलाया।. इसके तहत छात्रों सहित कई नागरिकों को बाहर निकाला गया, जो कि युद्ध की गोलीबारी में फंस गए थे।