Wednesday, May 01, 2024
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भारत की ‘अनिच्छा’ के बावजूद शांति की कोशिश जारी रखेगा पाकिस्तान: शाह महमूद कुरेशी

कुरेशी ने यह बयान नयी दिल्ली द्वारा न्यूयॉर्क में विदेशमंत्री स्तरीय बातचीत रद्द करने के कुछ दिन बाद दिया है।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: September 24, 2018 17:00 IST
Pakistan won't abandon peace efforts despite India's reluctance, says Shah Mehmood Qureshi- India TV Hindi
Pakistan won't abandon peace efforts despite India's reluctance, says Shah Mehmood Qureshi

वॉशिंगटन: पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत की भारत की अनिच्छा के बावजूद इस्लामाबाद क्षेत्र में शांति को बढावा देने के अपने प्रयास नहीं रोकेगा। कुरेशी ने यह बयान नयी दिल्ली द्वारा न्यूयॉर्क में विदेशमंत्री स्तरीय बातचीत रद्द करने के कुछ दिन बाद दिया है। वॉशिंगटन में पाकिस्तानी दूतावास में रविवार को कुरेशी ने कहा कि भारत सितंबर में जिस शांति वार्ता के लिए सहमत हुआ था उसे रद्द करने के लिए जुलाई में हुई घटनाओं का इस्तेमाल किया।

भारत ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में 3 पुलिसकर्मियों की ‘बर्बर’ हत्याओं तथा कश्मीरी आतंकवादी बुरहान वानी का ‘महिमामंडन’ करने वाले डाक टिकट जारी करने के आधार पर न्यूयार्क में इस महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके पाकिस्तानी समकक्ष कुरेशी के बीच बैठक रद्द कर दी थी। कुरेशी ने कहा, ‘भारत अनिच्छुक है, हम अपने दरवाजे बंद नहीं करेंगे।’ ‘डॉन’ अखबार ने उनके हवाले से कहा, ‘मुद्दों को नजरअंदाज करना उन्हें खत्म करना नहीं होता। इससे कश्मीर की स्थिति में सुधार नहीं होगा।’ विदेश मंत्री ने कहा कि वह पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता में भाग लेने से भारत के इंकार को समझ नहीं पा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘बातचीत, बातचीत नहीं। आ रहे हैं, नहीं आ रहे हैं। हमारी बातचीत की इच्छा थी क्योंकि हमारा मानना है कि समझदारी भरा रास्ता मिलना और बातचीत करना है। वे सहमत हुए और फिर असहमत हुए।’ कुरेशी ने कहा कि पाकिस्तान के शांति प्रस्ताव पर भारत की प्रतिक्रिया कठोर और गैर राजनयिक थी। उन्होंने कहा, ‘हमने अपने प्रत्युतर में गैर राजनयिक भाषा का इस्तेमाल नहीं किया। हमारा जवाब परिपक्व तथा नपातुला था। उन्होंने नया रुख अपनाया और पलट गए।’ विदेश मंत्री ने आरोप लगाया कि स्वराज की ‘भाषा और सुर विदेश मंत्री जैसे पद को शोभा नहीं देता।’

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव दोनों देशों के बीच युद्ध का कारण बन सकता है, कुरेशी ने कहा, ‘युद्ध की बात कौन कर रहा है? हम तो नहीं। हम शांति, स्थिरता, रोजगार और बेहतर जीवन चाहते हैं। आप पहचानिए कि अनिच्छुक कौन है।’ कुरेशी ने कहा कि पाकिस्तान की शांति की इच्छा को भूलवश कमजोरी का संकेत नहीं मानना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हम शांति चाहते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि हम आक्रामकता के खिलाफ खुद की रक्षा नहीं कर सकते। हम कर सकते हैं लेकिन हमारी आक्रामक मानसिकता नहीं है।’

कुरेशी ने मारे गए कश्मीरी आतंकवादी का ‘महिमामंडन’ करने वाले डाक टिकटों को जारी करने पर भारत की चिंता खारिज की और कहा, ‘हजारों लोग कश्मीर में लड़ रहे हैं, उनमें से सभी आतंकवादी नहीं हैं।’ विदेश मंत्री ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा गलियारा खोलने के पाकिस्तान के प्रस्ताव को दोहराया ताकि भारत के सिख तीर्थयात्रियों को गुरू नानक देव की 550वीं जयन्ती पर इस ऐतिहासिक गुरुद्वारे में जाने का अवसर मिले।

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