Sunday, April 28, 2024
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1984 सिख दंगों को लेकर अमेरिकी सांसदों ने पारित किया ये अजीबोगरीब प्रस्ताव, भारत में पक्ष और विपक्ष में मच सकती है रार

भारत में वर्ष 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों को लेकर अमेरिकी सांसदों ने ऐसा अजीबोगरीब प्रस्ताव पारित किया है कि जो फिर से देश की सरकार और विपक्ष में रार की वजह बन सकता है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: April 12, 2023 16:35 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : PTI प्रतीकात्मक फोटो

भारत में वर्ष 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों को लेकर अमेरिकी सांसदों ने ऐसा अजीबोगरीब प्रस्ताव पारित किया है कि जो फिर से देश की सरकार और विपक्ष में रार की वजह बन सकता है। दरअसल कैलिफोर्निया राज्य विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर अमेरिकी कांग्रेस (संसद) से भारत में 1984 में हुई सिख विरोधी हिंसा को नरसंहार के रूप में औपचारिक रूप से मान्यता देने और उसकी निंदा करने का अनुरोध किया है। यह प्रस्ताव 22 मार्च को विधानसभा सदस्य जसमीत कौर बैंस द्वारा पेश किया गया था, जो राज्य विधानसभा के पहले निर्वाचित सिख सदस्य हैं और सोमवार को राज्य विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से इसे पारित कर दिया गया।

अब इस प्रस्ताव के पारित हो जाने से भाजपा और कांग्रेस में एक नई सियासी जंग छिड़ सकती है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी सिख दंगों को नरसंहार मानने से हमेशा इंकार करती रही है। जबकि भाजपा इसे नरसंहार का ही रूप देती रही है। अमेरिकी सांसदों के इस प्रस्ताव के सामने आने के बाद यह मुद्दा एक बार फिर से तूल पकड़ सकता है। विधानसभा सदस्य कार्लोस विलापुदुआ ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। विधानसभा में एकमात्र अन्य हिंदू सदस्य ऐश कालरा ने भी इसके पक्ष में मतदान किया। प्रस्ताव में कहा गया है कि अमेरिका में सिख समुदाय इस दंगे के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक आघात से अब तक उबर नहीं पाया है।

प्रस्ताव में सिख विरोधी हिंसा को नरसंहार मानने और निंदा करने का आग्रह

प्रस्ताव में अमेरिकी कांग्रेस से औपचारिक रूप से नवंबर 1984 की सिख विरोधी हिंसा को नरसंहार के रूप में मानने और इसकी निंदा करने का आग्रह किया गया है। अमेरिकी सिख कॉकस कमेटी और अन्य अमेरिकी सिख संस्थाओं के समन्वयक प्रीतपाल सिंह ने एक बयान जारी कर इस प्रस्ताव को पेश करने और पारित करने के लिए कैलिफोर्निया राज्य विधानसभा के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया। 2015 में कैलिफोर्निया विधानसभा ने भी सिख विरोधी हिंसा को नरसंहार करार देते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था। भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर 1984 को उनके सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी, जिसके बाद दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में हिंसा भड़क उठी।

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