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ट्रंप ने यूक्रेन के बाद रूस को भी धमकाया, कहा- 'देर होने से पहले दोनों देश बातचीत के लिए राजी हो जाएं'

ट्रंप ने रूस पर बैंकिंग प्रतिबंध और टैरिफ लगाने की धमकी देते हुए कहा है कि देर होने से पहले यूक्रेन और रूस को बातचीत कर मसला सुलझा लेना चाहिए। इससे पहले ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को भी धमकी दी थी।

Edited By: Shakti Singh
Published : Mar 07, 2025 21:08 IST, Updated : Mar 07, 2025 21:08 IST
Donald Trump
Image Source : AP अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस को धमकी देते हुए यूक्रेन के साथ बातचीत करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा है कि देर होने से पहले दोनों देशों को आपस में बातचीत कर युद्ध खत्म कर लेना चाहिए। ट्रंप ने कहा, "इस तथ्य के आधार पर कि रूस इस समय युद्ध के मैदान में यूक्रेन को तबाह करने पर तुला हुआ है, मैं रूस पर बड़े पैमाने पर बैंकिंग प्रतिबंध और टैरिफ लगाने पर गंभीरता से विचार कर रहा हूं। ये प्रतिबंध युद्ध विराम और शांति पर अंतिम समझौता होने तक जारी रहेंगे। रूस और यूक्रेन से निवेदन है कि वे अभी बातचीत के लिए राजी हो जाएं, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।"

इससे पहले ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ बहस के दौरान धमकी भरे अंदाज में कहा था कि अमेरिका की मदद के बिना यूक्रेन युद्ध में नहीं टिक पाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि ट्रंप के साथ बहस करने के बाद यूक्रेन और जेलेंस्की के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। जेलेंस्की समझौते के लिए अमेरिका गए थे। उम्मीद थी कि वह रूस के साथ समझौते के लिए तैयार हो जाएंगे और ट्रंप की मध्यस्थता से युद्ध खत्म होगा, लेकिन मीटिंग के अंत में दोनों के बीच बहस हो गई और जेलेंस्की तय समय से पहले ही वापस लौट गए।

क्या हैं प्रतिबंध?

जब कोई देश अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ता है या आक्रामक तरीके से व्यवहार करता है, तब अन्य देश उस देश पर कई तरह के प्रतिबंध लगाते हैं। ये प्रतिबंध एक सजा के रूप में लगाए जाते हैं ताकि उस देश को कानून तोड़ने से रोका जा सके। कोई भी देश दूसरे देश पर प्रतिबंध लगाने से बचता है, क्योंकि इससे चौतरफा नुकसान होता है और संबंध खराब होते हैं। मुश्किल हालातों में ही ऐसे प्रतिबंध लगाए जाते हैं। 

रूस पर 21 हजार से ज्यादा प्रतिबंध

तीन साल पहले यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान जैसे देश साथ मिलकर रूस पर 21,000 से अधिक प्रतिबंध लगा चुके हैं। उनका मुख्य लक्ष्य रूस को मिलने वाले पैसे में कटौती करना और रूस के तेल उद्योग को कमजोर करना रहा है। पश्चिमी देशों ने रूस को हथियार बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। रूस से सोने और हीरे के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। रूस के लिए जाने वाली सभी विमान सेवाएं बंद कर दी गई हैं। क्रेमलिन से जुड़े धनी बिजनेसमैन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है और उनके जहाज भी जब्त हो चुके हैं।

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