Sunday, April 28, 2024
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Bihar Politics: 'मोदी के सामने कहीं नहीं टिकते', नीतीश पर सुशील मोदी का बड़ा हमला, बोले- मंडल-कमंडल बीजेपी के साथ

Bihar Politics: सुशील मोदी ने कहा, नीतीश प्रधानमंत्री मोदी के आगे कहीं नहीं टिकते। उनके पास बिहार के बाहर कुछ भी नहीं है और राज्य के नेता के रूप में भी उनका प्रभाव कम हो रहा है।

Malaika Imam Edited By: Malaika Imam
Updated on: August 14, 2022 20:49 IST
Sushil kumar Modi - India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Sushil kumar Modi

Highlights

  • 'नीतीश का प्रभाव उनके गृह राज्य बिहार में भी घट रहा'
  • 'जेडीयू सुप्रीमो की लोकप्रियता और जनाधार में गिरावट'
  • 'बीजेपी को अब समाज के सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त है'

Bihar Politics: बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने अगले आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए विपक्षी उम्मीदवार के रूप में जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार के उभरने की संभावनाओं को खारिज करते हुए रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने नीतीश कुमार कहीं नहीं टिकते हैं और इतना ही नहीं, बीजेपी के पास अब 'मंडल' और 'कमंडल' दोनों का समर्थन है। 

राज्यों में नीतीश से अधिक ताकतवर नेता हैं: सुशील मोदी

राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने नीतीश कुमार की उम्मीदवारी की संभावना खारिज करते हुए कहा कि इस कतार में तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी और तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के मुखिया के. चंद्रशेखर राव जैसे बड़े दावेदार मौजूद हैं। नीतीश कुमार के साथ कभी अच्छा तालमेल रखने वाले और उनकी सरकार में तीन से अधिक बार उपमुख्यमंत्री की भूमिका निभा चुके सुशील मोदी ने एक इंटरव्यू में दावा किया कि जेडीयू प्रमुख का प्रभाव उनके गृह राज्य बिहार में भी घट रहा है। उन्होंने कहा, "राज्यों में नीतीश से अधिक ताकतवर नेता हैं, जैसे टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, टीआरएस सुप्रीमो और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और आम आदमी पार्टी (AAP) नेता अरविंद केजरीवाल।"

मोदी ने कहा, "नीतीश प्रधानमंत्री मोदी के आगे कहीं नहीं टिकते। उनके पास बिहार के बाहर कुछ भी नहीं है और राज्य के नेता के रूप में भी उनका प्रभाव कम हो रहा है। उनकी लोकप्रियता और जनाधार दोनों में गिरावट आई है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बीजेपी को अब समाज के सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त है और यह मंडल-कमंडल युग्मक (बाइनरी) से प्रभावित नहीं है। 

Nitish kuma And Sushil kumar Modi

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Nitish kuma And Sushil kumar Modi

'पीएम मोदी ओबीसी की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं'

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, "आज की बीजेपी मंडल और कमंडल दोनों का प्रतिनिधित्व करती है। मंडल और कमंडल दोनों पार्टी के साथ हैं और प्रधानमंत्री मोदी देश में ओबीसी की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।" वर्ष 1990 में मंडल आयोग-विरोधी आंदोलन के बाद, 'मंडल' शब्द अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अनुसूचित जातियों को शामिल करने वाली राजनीति के लिए गढ़ा गया था, जिसमें कई क्षेत्रीय दलों ने इन समुदायों को अपना प्रमुख समर्थक बताया था। साधुओं/तपस्वियों की ओर से इस्तेमाल किया जाने वाला पानी का बर्तन 'कमंडल' बीजेपी की हिंदुत्व की राजनीति का एक रूपक बन गया, खासकर इसलिए भी कि इसकी तुकबंदी मंडल के साथ अच्छी बैठती है। 

सुशील मोदी ने ​​लल्लन सिंह को मुख्य खलनायक करार दिया 

इस सप्ताह की शुरुआत में जब नीतीश कुमार ने सहयोगी बीजेपी से नाता तोड़ लिया था और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ विपक्षी खेमे में शामिल हो गए थे, तो राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर काफी चर्चा थी कि भगवा पार्टी फिर से 'मंडल बनाम कमंडल' की राजनीति की चुनौती का सामना कैसे कर सकती है। सुशील मोदी ने दावा किया कि नीतीश कुमार राज्य की राजनीति में संतृप्ति बिंदु पर पहुंच गए हैं। उन्होंने दावा किया, "वह देश का उपराष्ट्रपति भी बनना चाहते थे और उनकी पार्टी के नेताओं ने इसके लिए बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व से संपर्क भी किया था।" सुशील मोदी ने गठबंधन तोड़ने के लिए जेडीयू प्रमुख की राष्ट्रीय आकांक्षाओं को जिम्मेदार ठहराया और उनकी पार्टी के नेता राजीव रंजन उर्फ ​​लल्लन सिंह को मुख्य खलनायक करार दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजद प्रमुख लालू यादव की सत्ता और धन की लोलुपता भी राज्य की एनडीए सरकार के पतन के लिए जिम्मेदार है।

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