
बिहार के मोताहारी में सिंदूरदान की रस्म से पहले दूल्हे को गर्लफ्रेंड याद आ गई। इसके बाद वह मंडप से भाग खड़ा हुआ। घटना घोड़ासहन थाना क्षेत्र के निमोनिया गांव की है, जहां शादी के बीच दूल्हा सिंदूर दान की रस्म से पहले मंडप से फरार हो गया। दूल्हा बनकटवा प्रखंड के जितना थाना क्षेत्र के जोलगांवा गांव का है। वहीं, दुल्हन बनकटवा प्रखंड क्षेत्र के घोड़ासहन थाना क्षेत्र के निमोनिया गांव की है।
रमेश महतो के बेटे आनोज कुमार की शादी हरेन्द्र महतो की दूसरी बेटी के साथ तय हुई थी। बुधवार की रात में बारात जोलगवा गांव से निमोईया गांव पहुंची। जनमास में बारात की सभी रस्म पूरी करते हुए बारातियों को नाश्ता कराया गया और शादी की रस्में शुरू हो गईं।
सिंदूर दान से पहले भागा दूल्हा
हिन्दू रीति रिवाज से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मंडप में शादी हो रही थी, तभी सिंदूर दान की रस्म से पहले दूल्हा पेशाब करने का बहाना बनाकर मंडप से फरार हो गया। इसके बाद दुल्हन के गांव के लोगों ने दूल्हे की काफी खोजबीन की। इसके बाद पता चला कि दूल्हा अपने घर पहुंच गया है। ऐसे में दुल्हन पक्ष के लोग दूल्हे के घर पहुंच उसे पकड़ कर दुल्हन के गांव ले आए। मामला पंचायती स्तर तक पहुंच गया तो दूल्हे ने अपने पैर में दर्द होने के कारण मंडप से भागने का बहाना बनाया।
परिजनों के दबाव में हो रही थी शादी
निमोनिया पंचायत के सरपंच रामनरेश यादव ने बताया कि दूल्हे का किसी अन्य लड़की के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा है, लेकिन परिजनों के दबाव में उसने शादी के लिए हामी भरी थी। हालांकि, मंडप में उसे प्रेमिका याद आ गई और सिंदूर दान से पहले वह भाग खड़ा हुआ। इसके बाद ग्रामीण एवं पंचों की सहमति से शादी का रिश्ता खत्म कर दिया गया ताकि भविष्य में ऐसा कोई विवाद ना हो। इसके साथ ही यह तय किया गया कि दुल्हन के परिजनों ने शादी के लिए जितने भी पैसे खर्च किए थे, उनकी भरपाई दूल्हे के घरवाले करेंगे।
(मोतिहारी से अरविन्द कुमार की रिपोर्ट)