Monday, April 29, 2024
Advertisement

छत्तीसगढ़: जातिगत जनगणना पर जोर के बीच कांग्रेस के सभी 8 ब्राह्मण उम्मीदवार चुनाव हारे

कांग्रेस ने इस बार आठ ब्रह्मणों समेत उच्च जाति के 15 प्रत्याशियों को टिकट दिया था। उच्च जाति वर्ग के केवल दो कांग्रेस उम्मीदवार- राघवेंद्र सिंह और अटल श्रीवास्तव चुनाव जीतने में कामयाब रहे।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: December 08, 2023 19:08 IST
congress leaders- India TV Hindi
Image Source : PTI सिद्धारमैया, अशोक गहलोत, प्रियंका गांधी और भूपेश बघेल

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में सामान्य (उच्च जाति वर्ग) वर्ग के कांग्रेस के 15 उम्मीदवारों में से 13 को हार का सामना करना पड़ा। जबकि भाजपा ने ऊंची जातियों के 18 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे और जिनमें से 16 विजयी हुए। चुनाव विशेषज्ञों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में जातिगत जनगणना और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को लुभाने की कांग्रेस की कोशिश ने ऊंची जातियों के साथ-साथ अनुसूचित जनजाति श्रेणी के उम्मीदवारों की संभावनाओं को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि संभवतः अधिकतर मतदाताओं को भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार की ओबीसी समर्थक राजनीति रास नहीं आई।

कांग्रेस ने 8 ब्राह्मणों को दिया था टिकट

सत्तारूढ़ कांग्रेस को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। राज्य में 2018 में 68 सीट जीतने वाली कांग्रेस 35 सीट पर सिमट गई। भाजपा ने राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा में 54 सीट जीतकर सत्ता में वापसी की है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (GGP) एक सीट जीतने में कामयाब रही। कांग्रेस ने इस बार आठ ब्रह्मणों समेत उच्च जाति के 15 प्रत्याशियों को टिकट दिया था। उच्च जाति वर्ग के केवल दो कांग्रेस उम्मीदवार- राघवेंद्र सिंह और अटल श्रीवास्तव चुनाव जीतने में कामयाब रहे। जबकि पिछली कांग्रेस सरकार के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, मंत्री रवींद्र चौबे, मंत्री जय सिंह अग्रवाल, वरिष्ठ विधायक अमितेश शुक्ला और अरुण वोरा समेत 13 स्वर्ण उम्मीदवारों को पराजय का सामना करना पड़ा।

किसको कितने वोट मिले?

राघवेंद्र सिंह ने अकलतारा सीट (जांजगीर-चांपा जिला) से अपने 'चाचा' और मौजूदा भाजपा विधायक सौरभ सिंह को 22,758 वोट के अंतर से हराया है। इसी तरह, अटल श्रीवास्तव ने कोटा सीट पर भाजपा के प्रबल प्रताप जूदेव को 7957 वोट के अंतर से हराया। कोटा में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की मौजूदा विधायक रेनू जोगी 8884 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहीं। तीन बार के विधायक और निवर्तमान उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को अंबिकापुर सीट पर भाजपा के राजेश अग्रवाल के हाथों 94 वोट के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। जबकि तीन बार के विधायक और निवर्तमान मंत्री जय सिंह अग्रवाल अपनी कोरबा सीट पर भाजपा के लखनलाल देवांगन से 25,629 मतों के अंतर से पराजित हुए।

सभी 8 ब्राह्मण प्रत्याशी हारे

कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे जिन आठ ब्राह्मण प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा उनमें रवींद्र चौबे (साजा), अमितेश शुक्ला (राजिम), महंत रामसुंदर दास (रायपुर शहर दक्षिण), विकास उपाध्याय (रायपुर शहर पश्चिम), अरुण वोरा (दुर्ग शहर), पंकज शर्मा (रायपुर ग्रामीण), शैलेश पांडे (बिलासपुर) और शैलेश नितिन त्रिवेदी (बलौदाबाजार) शामिल हैं। सात बार के विधायक और निवर्तमान मंत्री रवींद्र चौबे को साजा सीट पर भाजपा के ईश्वर साहू से 5196 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। राज्य में चुनाव विशेषज्ञों का कहना, “ऐसा लगता है कि हिंदुत्व कार्ड ने भाजपा के लिए काम किया और साधारण पृष्ठभूमि वाले ईश्वर साहू की जीत सुनिश्चित की है।” साहू के बेटे भुनेश्वर साहू की इस साल अप्रैल में साजा क्षेत्र (बेमेतरा जिला) के बिरनपुर गांव में सांप्रदायिक हिंसा की एक घटना में मौत हो गई थी। भाजपा के शीर्ष नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान इस मुद्दे को उठाया था। अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्यामा चरण शुक्ल के बेटे और पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ल राजिम सीट पर भाजपा के रोहित साहू के हाथों 11,911 वोट के अंतर से पराजित हुए।

अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के बेटे और तीन बार के विधायक अरुण वोरा को भाजपा के गजेंद्र यादव के हाथों 48,697 वोट से हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस ने अल्पसंख्यक समुदाय से तीन उम्मीदवारों- निवर्तमान मंत्री मोहम्मद अकबर (कवर्धा) और मौजूदा विधायक कुलदीप जुनेजा (रायपुर शहर उत्तर) और आशीष छाबडा (बेमेतरा) को मैदान में उतारा था और इन सभी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। जुनेजा और छाबड़ा सिख समुदाय से आते हैं। भाजपा ने ऊंची जातियों के 18 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे और उनमें से 16 विजयी हुए। इन 18 में से सात ब्राह्मण थे, जिनमें से पांच ने चुनाव जीता है। भाजपा से ऊंची जातियों के दो उम्मीदवार शिवरतन शर्मा (भाटापारा) और प्रेमप्रकाश पांडे (भिलाई नगर) चुनाव हार गए हैं।

राहुल, प्रियंका और बघेल ने किया था जातिगत जनगणना कराने का वादा

छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और भूपेश बघेल सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने राज्य में सत्ता बरकरार रहने पर जातिगत जनगणना कराने का वादा किया था। चुनाव विश्लेषक आर कृष्ण दास ने कहा कि कांग्रेस ने ओबीसी आबादी को लुभाने के लिए जातिगत जनगणना समेत कई वादे किए हैं, जिससे ऊंची जातियों के मतदाताओं का ध्यान भटक गया। उनके अनुसार सवर्ण उन सीटों पर अच्छी संख्या में हैं, जहां कांग्रेस ने ऊंची जाति के उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। उन्होंने कहा कि भाजपा के हिंदुत्व कार्ड ने भी उसके पक्ष में काम किया। उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को लेकर बघेल सरकार पर निशाना साधती रही और कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाती रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 29 ओबीसी उम्मीदवारों में से 16 चुनाव जीतने में कामयाब रहे। दास ने कहा कि भाजपा के 31 ओबीसी उम्मीदवारों में से 19 इस बार चुनाव जीते हैं।

यह भी पढ़ें-

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें छत्तीसगढ़ सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement