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लोकसभा चुनावों से पहले बढ़ी भूपेश बघेल की मुश्किलें, महादेव सट्टा एप मामले में FIR दर्ज

राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने ईडी के प्रतिवेदन पर महादेव बुक सट्टा एप के प्रमोटर्स सहित कारोबारियों और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अपनी प्राथमिकी में साजिश, जालसाजी और भ्रष्टाचार का प्रकरण दर्ज किया गया है।

Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published : Mar 17, 2024 15:36 IST, Updated : Mar 17, 2024 15:44 IST
Bhupes Baghel- India TV Hindi
Image Source : FILE भूपेश बघेल के खिलाफ महादेव सट्टा एप मामले में FIR दर्ज

रायपुर: लोकसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है, लेकिन उससे पहले ही छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भूपेश बघेल के खिलाफ महादेव सट्टा एप मामले में FIR दर्ज की है। बघेल के खिलाफ साजिश, जालसाजी और भ्रष्टाचार के मामले में FIR दर्ज हुई है। भूपेश बघेल के अलावा 21 अन्य लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ है। यह एफआईआर 4 मार्च को दर्ज की गई थी, लेकिन इसका खुलासा अब हुआ है। ईओडब्ल्यू ने ईडी के दिए आवेदन पर एफआईआर दर्ज किया है। 

ED के कहने पर दर्ज हुई FIR

राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने ईडी के प्रतिवेदन पर महादेव बुक सट्टा एप के प्रमोटर्स सहित कारोबारियों और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। FIR में साजिश, जालसाजी और भ्रष्टाचार का प्रकरण दर्ज किया गया है। इसमें बताया गया कि सिडिंकेट बनाकर महादेव एप के जरिए सट्टे का खेल खिलाया जा रहा था। इसके पहले ईडी ने महादेव एप को लेकर न्यायालय में में बताया था कि महादेव एप के प्रमोटर्स रवि उप्पल, शुभम सोनी, सौरभ चंद्राकर, अनिल कुमार अग्रवाल ने विभिन्न लाइव गेम्स में अवैध सट्टेबाजी के लिए ऑफ लाइन सट्टेबाजी के स्थान पर विकल्प के रूप में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का निर्माण कर वाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम जैसे माध्यमों से विभिन्न वेबसाइट के जरिए सट्टा खिलाया।

एप के प्रोमोटर्स को था राजनीतिक संरक्षण 

महादेव बुक एप के प्रमोटर्स ने ऑनलाइन बैटिंग एप के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही को रोकने के लिए विभिन्न पुलिस व प्रशासनिक अधिकारीगण तथा प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों का संरक्षण प्राप्त किया गया। जिसके एवज में उन्हें नियमित तौर पर प्रोटेक्शन मनी के रूप में भारी राशि दी गयी। उक्त अवैध राशि की व्यवस्था एवं वितरण हेतु हवाला ऑपरेटरों का इस्तेमाल किया गया। इसके साथ ही पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को अवैध प्रोटेक्शन मनी वितरण के लिए पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों का भी उपयोग किया गया।

यह प्रोटेक्शन मनी की राशि हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से राशि वितरण करने वाले पुलिस अधिकारी और कर्मचारी तक पहुंचती थी, जिसे उनके द्वारा संबंधित पुलिस / प्रशासनिक अधिकारियों और प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों को वितरीत की जाती थी। विभिन्न पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी एवं प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए प्रोटेक्शन मनी के रूप में अवैध आर्थिक लाभ प्राप्त करते हुए अवैध संपत्ति अर्जित की गई है।

रिपोर्ट - सिकंदर खान 

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