Friday, May 10, 2024
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दिल्ली: शाहदरा में चार मंजिला इमारत में लगी आग, एक शख्स की मौत की खबर

राजधानी दिल्ली के शाहदरा इलाके में एक चार मजिला बिल्डिंग में आग लगने से एक शख्स की मौत हो गई। इससे पहले कल शाम नरेला में एक पेंट फैक्ट्री में आग लगने से 11 लोगों की मौत हो गई थी।

Niraj Kumar Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Updated on: February 16, 2024 13:31 IST
फायर ब्रिगेड- India TV Hindi
Image Source : FILE फायर ब्रिगेड

नई दिल्ली: नरेला के बाद अब राजधानी के शाहदरा इलाके में बिल्डिंग में आग लग गई । जानकारी के मुताबिक शाहदरा में चार मंजिला इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर आग लगने से एक शख्स की मौत हो गई। दमकल की गाड़ियों ने आग पर काबू पा लिया है।

इससे पहले नरेला के अलीपुर इलाके में पेंट की एक फैक्टरी में विस्फोट और उसके बाद लगी आग की घटना में  11 लोगों की मौत हो गई बृहस्पतिवार शाम को आग लगने की घटना में चार लोग घायल हो गए थे जिनका अस्पताल में इलाज हो रहा है। दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के एक अधिकारी ने कहा कि अलीपुर के दयालपुर बाजार में स्थित फैक्टरी से 11 लोगों के झुलसे हुए शव बरामद किए गए। मरने वालों में 10 पुरूष और एक महिला शामिल है। इस फैक्टरी में रसायनों को रखने के लिए भी गोदाम है। फैक्टरी में विस्फोट के बाद आग लगी और जल्द ही यह एक नशा मुक्ति केंद्र और आठ दुकानों सहित आस-पास की इमारतों में फैल गई।

पुलिस ने बताया कि हरियाणा के सोनीपत निवासी अखिल जैन फैक्टरी का संचालन करते थे। फैक्टरी के मालिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया है। डीएफएस अधिकारी ने कहा कि बृहस्पतिवार शाम करीब साढ़े पांच बजे आग लगने की सूचना मिली और दमकल की 22 गाड़ियों को घटनास्थल भेजा गया। उन्होंने बताया कि रात नौ बजे तक आग पर काबू पा लिया गया और फैक्टरी परिसर से 11 लोगों के झुलसे हुए शव बरामद किये गये।

डीएफएस प्रमुख अतुल गर्ग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘डीएफएस के हरसंभव प्रयासों के बावजूद दिल्ली के अलीपुर इलाके में पेंट फैक्टरी में आग लगने की घटना में 11 मजदूरों की मौत हो गई। शाम साढ़े पांच बजे आग लगने की सूचना मिली और दमकल की 22 गाड़ियां मौके पर मौजूद थीं, लेकिन विस्फोट होने से इमारत ढह गई और मजदूर फैक्टरी के अंदर फंस गए और उन्हें बचाया नहीं जा सका। बेहद दुर्भाग्यपूर्ण दिन।’’ पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि आशंका है कि विस्फोट गोदामों में रखे रसायनों के कारण हुआ। चारों घायलों की पहचान ज्योति (42), दिव्या (20), मोहित सोलंकी (34) और पुलिस कांस्टेबल करमबीर (35) के रूप में हुई है। अधिकारी ने बताया कि घायलों को राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बताया कि शवों को बाबू जगजीवन राम अस्पताल में रखा गया है और उनकी पहचान की प्रक्रिया जारी है।

पुलिस उपायुक्त (बाहरी-उत्तर) रवि कुमार सिंह ने कहा कि घटनास्थल पर पुलिस की एक टीम ने देखा कि आग पास के ‘नशा मुक्ति केंद्र’ सहित कई अन्य इमारतों में फैल गई थी जहां चार-पांच लोग फंसे हुए थे। सिंह ने कहा, ‘‘अलीपुर थाने में तैनात हमारे कांस्टेबल करमबीर अपनी जान जोखिम में डालकर ‘नशा मुक्ति केंद्र’ की छत पर पहुंचे और फंसे हुए लोगों को बचाने में कामयाब रहे। हालांकि इस दौरान वह झुलस गए और उन्हें कई जगह चोटें आईं। करमबीर को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।’’ घायलों को पहले राजा हरिश्चंद्र अस्पताल ले जाया गया जहां से उनमें से तीन को लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। एलएनजेपी के चिकित्सा निदेशक सुरेश कुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘भर्ती किए गए मरीजों में से दो (दोनों महिलाएं) को धुएं के कारण सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। हालांकि जलने से चोट के कोई निशान नहीं है। उनकी हालत स्थिर है।’’ चिकित्सकों ने कहा कि महिलाएं फैक्टरी के पास एक घर में रहती हैं और धुएं के कारण उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। (भाषा)

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