Thursday, March 28, 2024
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माता-पिता जेल में, तो दिल्ली सरकार करेगी बच्चों के रहने खाने की व्यवस्था

दिल्ली सरकार एक ऐसी योजना लागू करने जा रही है जिसके अंतर्गत उन बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जिनके माता-पिता जेल में बंद हैं। इस योजना के अंतर्गत उन बच्चों की मदद की जाएगी, जिनके माता-पिता सजा काट रहे हैं और उनके पास बच्चों के लिए कोई वित्तीय व्यवस्था नहीं है।

IANS Reported by: IANS
Published on: December 20, 2020 14:40 IST
Arvind Kejriwal- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO माता-पिता जेल में, तो दिल्ली सरकार करेगी बच्चों के रहने खाने की व्यवस्था

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार एक ऐसी योजना लागू करने जा रही है जिसके अंतर्गत उन बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जिनके माता-पिता जेल में बंद हैं। इस योजना के अंतर्गत उन बच्चों की मदद की जाएगी, जिनके माता-पिता सजा काट रहे हैं और उनके पास बच्चों के लिए कोई वित्तीय व्यवस्था नहीं है। दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने रविवार को महिला और बाल विकास विभाग की निदेशक, सचिव गृह विभाग, सचिव समाज कल्याण विभाग के साथ एक बैठक की। बैठक में पात्रता मानदंड और बच्चे को वित्तीय सहायता के सुचारू संवितरण के बारे में गहन चर्चा हुई।

दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल ने कहा, यह बैठक एक ऐसी योजना के कार्यान्वयन के बारे में है जिसमें उन बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जिनके माता-पिता जेल में है। इस योजना के चिन्हित लाभार्थी वे बच्चे हैं, जिनके माता-पिता सजा काट रहे हैं और उनके पास अपना समर्थन देने के लिए कोई वित्तीय साधन नहीं है। इससे पहले, योजना की पात्रता मानदंड केवल उन्हीं बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान करती थी जिनके माता-पिता दोनों जेल में हैं या यदि एक माता-पिता का निधन हो चुका है।

मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने निर्देश दिए की अगर कोई भी एक ब्रेड विनर जेल में होगा तब भी उसके बच्चे वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकता है।

राजेंद्र पाल गौतम ने कहा, इस योजना का उद्देश्य उन बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिनके माता-पिता जेल में हैं और उनके पास आर्थिक रूप से खुद को बनाए रखने का कोई साधन नहीं है। माता या पिता के जेल जाने से अक्सर बच्चों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थितियों में सरकार का यह कर्तव्य बन जाता है कि वह बच्चे को सहायता प्रदान करे।

डीसीपीसीआर के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने योजना के कार्यान्वयन और प्रक्रिया को शुरू से ही परेशानी मुक्त बनाने के संबंध में मंत्री के सामने रेकमेंडेशन्स प्रस्तुत की है। राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि इस योजना के बारे में गिरफ्तारी के दिन कैदी के परिवारों को सूचित किया जाना चाहिए। परिवार के सदस्यों के सभी विवरणों के साथ एक डैशबोर्ड गृह विभाग द्वारा बनाए रखा जाना चाहिए। फिर सूचना को समाज कल्याण विभाग को भेजा जाना चाहिए। 15 दिनों के भीतर यह प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए और वित्तीय सहायता लाभार्थी तक पहुंचनी चाहिए।

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