Wednesday, April 24, 2024
Advertisement

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देख उठाए गए थे ये कदम, जानें किन-किन पाबंदियों को हटाया गया

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को लेकर सभी पांबदियों को हटा दिया गया है। तीन पहले दिल्ली में ग्रेप-4 लागू किया गया था। तीन दिन के बाद दिल्ली की हवा में कुछ सुधार देखने को मिला है।

Ravi Prashant Edited By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Published on: November 06, 2022 23:51 IST
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण- India TV Hindi
Image Source : PTI दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण

केंद्र के वायु गुणवत्ता आयोग ने ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ (Grap) के अंतिम चरण के तहत दिल्ली-एनसीआर में गैर-BS-6 डीजल से चलने वाले हल्के मोटर वाहनों और ट्रकों के राजधानी में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया था जो कि अब हटा दिया गया है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए तीन दिन पहले ही प्रतिबंध लगाया था।  वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के एक आदेश में कहा गया है कि ‘‘चूंकि दिल्ली का वर्तमान एक्यूआई स्तर 339 के आसपास है, जो जीआरएपी चरण-चार उपाय लागू करने के लिए अधिकतम सीमा से 111 एक्यूआई बिंदु से नीचे है और चरण- चार तक सभी चरणों के तहत सभी निवारक/शमन/प्रतिबंधात्मक उपाय अपनाये जा रहे हैं, इसलिए एक्यूआई में सुधार बने रहने की उम्मीद है।’’

आदेश के मुताबिक ‘‘भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) या आईआईटीएम के पूर्वानुमान में स्थिति में तेजी से गिरावट का संकेत नहीं है।’’ आयोग ने कहा, ‘‘इसलिए उप-समिति जीआरएपी के चरण- चार के तहत उपायों के लिए तीन नवंबर, 2022 को जारी आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का निर्णय लेती है।’’ हालांकि जीआरएपी के चरण एक से तीन के तहत उपाय लागू रहेंगे और पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सभी संबंधित एजेंसियों द्वारा लागू किये जाएंगे,उनकी निगरानी की जाएगी और समीक्षा की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि एक्यूआई का स्तर आगे गंभीर श्रेणी में नहीं आए।

पराली जलाने के मामले कम हुए

दिल्ली के वायु प्रदूषण का स्तर रविवार को बहुत खराब स्थिति में चला गया था लेकिन अब कुछ सुधार हुआ है। इसके पीछे का मुख्य कारण है कि पराली जलाने कम हुआ है और हवा बहने के कारण प्रदूषण में कमी आंकी गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार चौबीस घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 339 था, जो एक दिन पहले 381 था। यह शुक्रवार को 447 था। यह बृहस्पतिवार को 450 पर पहुंच गया था, जो 'गंभीर प्लस' श्रेणी से एक पायदान कम था।

प्रदूषण को लेकर पंजाब की सरकार ने जिम्मेदारी ली
भारतीय कृषि अनुसंधान संगठन (आईएआरआई) के आंकड़ों से पता चलता है कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं की संख्या एक दिन पहले 2817 से तेजी से घटकर 599 हो गई। पृथ्वी एवं विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाली एक पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ के अनुसार, दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी भी शनिवार को 21 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत रह गई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के उनके समकक्ष भगवंत मान ने शुक्रवार को सीमावर्ती राज्य में धान की पराली जलाने की जिम्मेदारी ली थी और अगली सर्दियों तक इस प्रथा पर अंकुश लगाने का वादा किया था।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मुताबिक, दिवाली के बाद पिछले 50 दिनों में पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं साल दर साल आधार पर 12.59 फीसदी बढ़कर 26,583 हो गई हैं। आंकड़ों में कहा गया है कि इसकी तुलना में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली में पराली जलाने की घटनाएं इस साल 15 सितंबर से चार नवंबर के बीच कम रही।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें दिल्ली सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement