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ग्रेस मार्क वाले 1563 बच्चों में से 48 प्रतिशत छात्रों ने छोड़ी री-नीट यूजी परीक्षा, NTA ने दी जानकारी

NTA ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्रेस मार्क वाले छात्रों के लिए हुए एग्जाम में 48 प्रतिशत बच्चों ने भाग नहीं लिया।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Jun 24, 2024 8:17 IST, Updated : Jun 24, 2024 8:17 IST
NEET UG- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO NEET UG

बीते दिन ग्रेस मार्क वालों के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट-अंडरग्रेजुएट (NEET-UG) की दोबारा हुई परीक्षा में कुल 48 प्रतिशत छात्र ही शामिल हुए। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इसकी जानकारी दी। एजेंसी ने बताया कि नीट यूजी के री-एग्जाम में ग्रेस मार्क वाले 1,563 छात्रों में से कुल 52 प्रतिशत यानी 813 छात्र ही रविवार को हुए एग्जाम में शामिल हुए।

गुजरात में सिर्फ 1 बच्चा हुआ शामिल

एजेंसी ने कहा कि चंडीगढ़ से दो में से कोई भी उम्मीदवार परीक्षा में शामिल नहीं हुआ, जबकि छत्तीसगढ़ में 602 में से 219, गुजरात में एक (एकमात्र अभ्यर्थी), हरियाणा में 494 में से 287 और मेघालय में 464 में से 234 अभ्यर्थी री-एग्जाम में शामिल हुए। एनटीए ने 5 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 7 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित होने के बाद एनटीए द्वारा एक बयान में ये आंकड़े बताए गए।

केंद्र सरकार द्वारा 1,563 छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स को खत्म करने के कुछ दिनों बाद इन्हीं छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की गई, जो मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में व्याप्त अराजकता को दूर करने की दिशा में पहला कदम उठाया गया। जानकारी दे दें कि 5 मई की परीक्षा के दौरान समय की बर्बादी के कारण कुछ उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे।

सुप्रीम कोर्ट को दी थी जानकारी

13 जून को एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह 1,563 छात्रों को जारी किए गए स्कोरकार्ड वापस लेने का प्रस्ताव रखता है और उन्हें या तो नई परीक्षा में बैठने या बिना किसी ग्रेस मार्क्स के अपने वास्तविक नंबर बरकरार रखने की अनुमति देता है। मेडिकल परीक्षा को लेकर मचे बवाल ने पूरे भारत में व्यापक विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया है क्योंकि हजारों छात्र इस वर्ष की परीक्षा प्रक्रिया के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं और विपक्षी दलों ने परीक्षा को रद्द करने और पेपर लीक के आरोपों की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है।

हटा दिए गए थे सुबोध कुमार 

पिछले हफ़्ते केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेपर लीक के आरोपों को खारिज किया और छात्रों के हितों की रक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वहीं, शनिवार को केंद्र ने एनटीए के डायरेक्टर सुबोध कुमार सिंह को हटा दिया और आईएएस अधिकारी प्रदीप सिंह खरोला को इस पद पर नियुक्त किया। इसने एनटीए की संरचना, प्रक्रियाओं और कामकाज की व्यापक समीक्षा के लिए 7 सदस्यीय समिति का भी गठन किया। पैनल आज सोमवार को अपनी पहली बैठक करेगा।

इस बीच, एनटीए ने राज्य पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई की रिपोर्ट के बाद गड़बड़ी के संदेह में बिहार में 5 मई को मेडिकल परीक्षा देने वाले 17 छात्रों को परीक्षा से वंचित कर दिया। यह पूछे जाने पर कि क्या कथित पेपर लीक में छात्र शामिल थे, उपरोक्त अधिकारी ने कहा, "अब इसकी जांच सेंट्रल इंवेस्टीगेशन ब्यूरो (सीबीआई) को करनी है।"

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