आज दिल्ली में GST काउंसिल की बैठक हुई। इस मीटिंग में GST बिल से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। इस मीटिंग में कई राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हुए। जीएसटी की बैठक खत्म होने के बाद दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने मीडिया से बात की और एक बड़ी जानकारी दी। आतिशी ने बताया कि अब किसी भी एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन से रिसर्च ग्रांट पर जीएसटी नहीं वसूल की जाएगी।
नहीं ली जाएगी जीएसटी
वित्त मंत्री आतिशी ने बताया, "दिल्ली सरकार, पंजाब सरकार और आम आदमी पार्टी लगातार यह मुद्दा उठाती रही है कि जिन शिक्षण संस्थानों को रिसर्च ग्रांट मिलती है, उन पर जीएसटी नहीं लगना चाहिए। इस पर जीएसटी लगाना टैक्स आतंकवाद के बराबर है और हमें खुशी है कि केंद्र सरकार के साथ-साथ सभी राज्य सरकारों ने इस पर सहमति जताई और यह निर्णय लिया गया है कि अब अगर कोई शिक्षण संस्थान किसी निजी संस्थान से कोई सरकारी ग्रांट या रिसर्च ग्रांट लेता है, तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगा।
हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर भी की गई बात
आगे कहा कि कुछ विपक्षी राज्यों ने यह मुद्दा उठाया है कि हेल्थ इंश्योरेंस पर वर्तमान में लिया जाने वाला 18% प्रीमियम काफी ज्यादा है, इसलिए जीएसटी काउंसिल में इस बात पर आम सहमति बनी थी कि जीएसटी में कमी होनी चाहिए, लेकिन अब यह मुद्दा जीओएम को भेज दिया गया है। जीओएम पूरे मुद्दे की जांच करेगा।"
पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री ने उठाया था मुद्दा
वहीं, पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने भी इस मुद्दे पर कहा, "हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी का मुद्दा मैंने उठाया था। मैंने कहा कि पूरी छूट मिलनी चाहिए। गोवा के मुख्यमंत्री ने मेरा समर्थन किया। कई मंत्रियों का मानना था कि इसे कम किया जाना चाहिए। वे इसे 18% से घटाकर 5% करने पर सहमत थे। अब इस पर छूट मिलेगी या इसे घटाकर 5% किया जाएगा, इस पर जीओएम का गठन किया गया है, जो अक्टूबर के आखिरी तक अपनी रिपोर्ट देगा और फिर अगली बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा।"
ये भी पढ़ें:
यूपी में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती में नया मोड़, सुप्रीम कोर्ट ने HC के आदेश पर रोक लगाई