Friday, March 29, 2024
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मध्य प्रदेश: छिंदवाड़ा, रतलाम और मंडला में रहा एक लाख से कम का अंतर, मुरैना में बसपा ने दी नरेंद्र तोमर को संजीवनी!

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने इसबार के लोकसभा चुनाव में पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन किया है। इस बार सूबे में भाजपा ने 29 में से 28 लोकसभा सीटों पर कब्जा कर लिया है। इस बार कांग्रेस को मध्य प्रदेश में महज छिंदवाड़ा की सीट से संतोष करना पड़ा।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: May 24, 2019 20:25 IST
BJP IN MP- India TV Hindi
Image Source : PTI मध्य प्रदेश में भाजपा ने जीतीं 28 सीटें

भोपाल। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने इसबार के लोकसभा चुनाव में पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन किया है। इस बार सूबे में भाजपा ने 29 में से 28 लोकसभा सीटों पर कब्जा कर लिया है। इस बार कांग्रेस को मध्य प्रदेश में महज छिंदवाड़ा की सीट से संतोष करना पड़ा। छिंदवाड़ा से सूबे के सीएम कमलनाथ के बेटे नकुल ने चुनाव जीता। इस बार मध्य प्रदेश में तीन लोकसभा सीटें ऐसी रहीं जिनपर हार जीत का अंतर 1 लाख से कम रहा। इन्हीं में से एक छिंदवाड़ा की है, जहां नकुल कमलनाथ महज 37 हजार 536 वोटों से जीत सके। इसके अलावा 1 लाख से 2 लाख का अंतर 5 लोकसभा सीटों पर रहा। 5 लोकसभा सीटों पर ही हार जीत का अंतर 2 से 3 लाख के बीच रहा, जबकि 3 लाख से ज्यादा वोटों का अंतर 16 लोकसभा सीटों पर रहा। इस रिपोर्ट में हम नजर डालेंगे मध्य प्रदेश की उन सीटों जिनपर रोमांचक रहा मुकाबला। 

छिंदवाड़ा – नकुल कमलनाथ 37 हजार 536 वोटों से जीते

सीएम कमलनाथ का गढ़ कहे जाने वाले छिंदवाड़ा से इस बार उनके बेटे नकुल चुनाव मैदान में थे। कांग्रेस को उम्मीद थी कि नकुल यहां रिकॉर्ड जीत दर्ज करेंगे लेकिन इसके ठीक उलट उन्हें भाजपा के नत्थन शाह कवरेती से यहां कांटे की टक्कर मिली। भाजपा को इस सीट पर 5 लाख 48 हजार 845 वोट मिले। इस सीट पर कांग्रेस को 47.06 फीसदी जबकि भाजपा को 44.05 फीसदी वोट मिले।

रतलाम – 90 हजार 636 वोटों से जीते भाजपा के जीएस डामोर

रतलाम में भारतीय जनता पार्टी के जीएस डामोर ने कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया को मात दी। जीएस डामोर को रतलाम में 6 लाख 94 हजार 243 वोट मिले (49.7 फीसदी), जबकि कांतिलाल भूरिया को 6 लाख 4 हजार 409 वोट मिले (43.23 फीसदी) वोट मिले। आपको बात दें कि कांतिलाल भूरिया पांच बार सासंद रह चुके हैं और वो कांग्रेस के बड़े आदिवासी नेता के रूप में गिने जाते हैं।  

मंडला – भाजपा के फग्गन सिंह कुलस्ते 97 हजार 674 वोटों से जीते

मंडला में इस बार काफी रोमांचक मुकबला देखने को मिला। यहां भारतीय जनता पार्टी के फग्गन सिंह कुलस्ते ने कांग्रेस के कमल सिंह मरावी को हरा दिया। कुलस्ते को 7 लाख 35 हजार 365 वोट (48.59 फीसदी) मिले, जबकि कमल सिंह 6 लाख 38 हजार 372 वोट (42.15 फीसदी) पा सके। यहां खास बात यह रही कि मंडला लोकसभा की 8 में से 5 विधानसभाओं में कांग्रेस को बढ़त मिली बावजूद इसके कमल सिंह हार गए। एक और गौर करने वाली बात ये रही कि मांडला के चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे अन्य प्रत्याशी 1 लाख से ज्यादा वोट ले गए जबकि 32 हजार 221 लोगों ने नोटा का बटन दबाया।

मुरैना – भाजपा के नरेंद्र सिंह तोमर ने 1 लाख 13 हजार 341 वोटों से जीते

मुरैना से संसद पहुंचने वाले भाजपा के नरेंद्र सिंह तोमर को 5 लाख 41 हजार 689 वोट (47.63 फीसदी) मिले जबकि कांग्रेस के रामनिवास रावत को 4 लाख 28 हजार 348 वोट (37.66 फीसदी) मिले। इस सीट पर बसपा के प्रत्याशी का चुनाव लड़ना कांग्रेस को भारी पड़ गया। बसपा प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना को यहां 1 लाख 38 हजार 380 वोट (11.38 फीसदी) मिले।

गुना – भाजपा के केपी यादव 1 लाख 25 हजार वोटों से जीते

सिंधिया परिवार के गढ़ के रूप में पहचाने जाने वाले गुना को इस बार भाजपा के केपी यादव ने मोदी लहर में ध्वस्त कर दिया। केपी यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव में 1 लाख 25 हजार वोटों से हरा दिया। गुना में केपी यादव को 6 लख 10 हजार 470 वोट (52.11 फीसदी) मिले, जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया 4 लाख 85 हजार 891 वोट (41.45 फीसदी) ही पा सके।

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