Tuesday, April 23, 2024
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वरिष्ठ कांग्रेस नेता को BJP महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के युवा बेटे ने दी चुनावी शिकस्त

आकाश विजयवर्गीय ने अपने राजनीतिक जीवन का पहला चुनाव लड़ा, जबकि अश्विन जोशी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और गुजरे वर्षों में इंदौर-3 सीट से विधायक भी रह चुके हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 11, 2018 20:28 IST
kailash vijayvargiya and akash vijayvargiya- India TV Hindi
kailash vijayvargiya and akash vijayvargiya

इंदौर: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय ने कांटे की चुनावी टक्कर में मंगलवार को कांग्रेस उम्मीदवार अश्विन जोशी को 5,751 मतों से शिकस्त दी। इंदौर-3 सीट पर हुए इस उतार-चढ़ाव भरे मुकाबले में आकाश को 67,075 वोट मिले, जबकि जोशी के खाते में 61,324 मत आए। इस सीट पर 1,447 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना।

आकाश (34) ने अपने राजनीतिक जीवन का पहला चुनाव लड़ा, जबकि जोशी (58) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और गुजरे वर्षों में इंदौर-3 सीट से विधायक भी रह चुके हैं। चुनावी जीत के बाद आकाश ने संवाददाताओं से कहा, "हमने विकास के लिए मतदाताओं से वोट मांगे थे। हम अपना यह वादा निभाएंगे।"

उधर, जोशी ने आरोप लगाया कि भाजपा के लोगों ने उनके विधानसभा क्षेत्र की गरीब बस्तियों में मतदाताओं को धन बांटा, जिससे उन्हें चुनावी नुकसान उठाना पड़ा। पूर्व विधायक ने कहा, "यह प्रजातंत्र का दुर्भाग्य है कि चुनावों में धन बांटे जाने को लेकर हमारे द्वारा शिकायत किए जाने पर भी निर्वाचन आयोग ने इस मामले में कुछ नहीं किया।"

पराजित कांग्रेस उम्मीदवार के आरोप पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर आकाश ने कहा, "आरोप-प्रत्यारोप तो चलते रहते हैं। सच्चाई यह है कि मुझे जनता ने विधायक चुना है।" भाजपा के विजयी प्रत्याशी ने यह भी कहा, "जोशी अनुभवी नेता हैं। उन्हें आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति छोड़कर इंदौर-3 क्षेत्र के विकास में हमारी मदद करनी चाहिए।"

बहरहाल, इंदौर-3 सीट का चुनावी मुकाबला शुरूआत से ही चर्चा का केंद्र बना रहा। वर्ष 2013 के पिछले विधानसभा चुनावों में वरिष्ठ भाजपा नेता उषा ठाकुर इस सीट से विजयी हुई थीं। हालांकि, इस बार उषा को चुनाव लड़ने के लिए जिले के उस डॉ. अम्बेडकर नगर (महू) क्षेत्र भेज दिया गया, जहां से आकाश के पिता और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय वर्ष 2008 और 2013 के पिछले दो चुनावों के दौरान चुनकर विधानसभा पहुंचे थे।

उषा, भाजपा की मध्यप्रदेश इकाई की उपाध्यक्ष भी हैं। चुनाव लड़ने के लिए इंदौर-3 से महू भेजे जाने पर उषा का एक विवादास्पद वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था। वीडियो में ठाकुर इस आशय का आरोप लगाती सुनाई पड़ी थीं कि कांग्रेस की तरह भाजपा को भी "वंशवाद का ग्रहण" लग गया है और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अपने बेटे को चुनावी टिकट दिलाने के लिए भाजपा प्रमुख अमित शाह को "सेट" कर उनका विधानसभा क्षेत्र बदलवा दिया।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव को इस बार पार्टी ने सूबे के विधानसभा चुनावों में बतौर उम्मीदवार नहीं उतारा।

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