Wednesday, April 24, 2024
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गुजरात में भाजपा को मिल सकता है पूर्ण बहुमत, इंडिया टीवी-मैटराइज फाइनल ओपिनियन पोल का अनुमान

गुजरात में दो चरणों में चुनाव होना है। 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। 8 दिसंबर को मतगणना होगी। इससे पहले इंडिया टीवी—मैटराइज के आखिरी निर्णायक सर्वे में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनती दिखाई दे रही है।

Deepak Vyas Edited By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: November 29, 2022 6:19 IST
Final Survey: गुजरात में भाजपा को मिल सकता है पूर्ण बहुमत- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Final Survey: गुजरात में भाजपा को मिल सकता है पूर्ण बहुमत

इंडिया टीवी-मैटराइज फाइनल ओपिनियन पोल के मुताबिक, गुजरात में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनावों में पूर्ण बहुमत हासिल कर सकती है, जबकि कांग्रेस के दूसरे स्थान पर रहने का अनुमान है। इस फाइनल ओपिनियन पोल का प्रसारण आज शाम इंडिया टीवी न्यूज चैनल पर किया गया।

 
फाइनल ओपिनियन पोल के मुताबिक, गुजरात विधानसभा की कुल 182 सीटों में से बीजेपी 109 से 124 सीटें जीतकर बहुमत हासिल कर सकती है जबकि कांग्रेस 51 से 66 सीटें जीत सकती है। आम आदमी पार्टी  0-7 सीटें जीत सकती है जबकि 'अन्य' 0-1 सीट जीत सकते हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 99 सीटें जीती थी, कांग्रेस ने 81 और 'अन्य' ने दो सीटों पर जीत हासिल की थी। 
 
फाइनल ओपिनियन पोल के मुताबिक, बीजेपी को 49.9 प्रतिशत, कांग्रेस को 39.1 प्रतिशत और AAP को 7.5 प्रतिशत और अन्य को 3.5 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 48.8 प्रतिशत, कांग्रेस को 42.3 प्रतिशत और 'अन्य' को 8.9 प्रतिशत वोट मिले थे। 

 क्या है गुजरात में सीटों का क्षेत्रवार गणित?

मध्य गुजरात की 61 सीटों में से बीजेपी 43 सीटें जीत सकती है,  कांग्रेस-17, आप-0 और अन्य के खाते में एक सीट जा सकती है। सौराष्ट्र-कच्छ में कुल 54 सीटें हैं जिनमें से बीजेपी 32 सीटें जीत सकती है, कांग्रेस को 18 और आप को चार सीटें मिल सकती हैं। दक्षिण गुजरात की कुल 35 सीटों में से बीजेपी 26 सीटें जीत सकती है। कांग्रेस को 6 और आप को सिर्फ 3 सीटें मिल सकती हैं। वहीं उत्तर गुजरात की 32 सीटों में मुकाबला बराबरी का रहने का अनुमान है। यहां बीजेपी को 15 और कांग्रेस को 17 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है। 
 
इंडिया टीवी-मैटराइज ओपिनियन पोल के लिए गुजरात के 182 विधानसभा क्षेत्रों के 45,500 लोगों (उत्तरदाताओं) से बात की गई। 45,500 सैंपल साइज में 27,300 पुरुष और 18,200 महिलाएं शामिल थीं। 20 से 27 नवंबर के बीच तक रैंडम सैम्पलिंग क्वांटिटेटिव डेटा कलेक्शन किया गया था, जिसमें प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से कम से कम 250 सैंपल लिए गए थे। मार्जिन एरर प्लस/माइनस 5 प्रतिशत तक है।
 
इस फाइनल ओपिनियन पोल के मुताबिक, बीजेपी को 48 प्रतिशत अनुसूचित जाति (एससी ) वोट, 48 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति (एसटी) वोट, 60 प्रतिशत कडवा पटेल वोट, 55 प्रतिशत लेउवा पटेल वोट, 53 प्रतिशत ओबीसी वोट, 49 प्रतिशत सवर्ण हिंदू वोट और 10 प्रतिशत मुस्लिम वोट मिल सकते हैं। कांग्रेस को 41 प्रतिशत एससी वोट, 42 प्रतिशत एसटी वोट, 31 प्रतिशत कडवा पटेल वोट, 35 प्रतिशत लेउवा पटेल वोट, 39 प्रतिशत ओबीसी वोट, 40 प्रतिशत सवर्ण हिंदू वोट और 60 प्रतिशत मुस्लिम वोट मिल सकते हैं।

सीएम पद के लिए किसे सबसे पसंदीदा उम्मीदवार बताया?

मुख्यमंत्री पद के लिए पसंदीदा उम्मीदवार के बारे में पूछे जाने पर, 44 प्रतिशत लोगों ने भूपेंद्र पटेल को अपनी पहली पसंद बताया जबकि 8 प्रतिशत ने कांग्रेस के नेता शक्ति सिंह गोहिल को, 6-6 प्रतिशत ने AAP नेता ईशुदान गढ़वी और भरत सिंह सोलंकी को, 5 प्रतिशत लोगों ने जगदीश ठाकोर को, और 3-3 प्रतिशत ने सुखराम राठवा और अर्जुन मोडवाडिया को सीएम के लिए पसंदीदा उम्मीदवार बताया।  मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के काम को 40 प्रतिशत लोगों ने 'बहुत अच्छा' बताया, 35 प्रतिशत लोगों ने 'औसत' कहा जबकि 22 प्रतिशत लोगों ने 'बहुत खराब' बताया। 
 
यह पूछे जाने पर कि क्या वे बदलाव चाहते हैं, 43 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे खुश हैं और बदलाव नहीं चाहते। 28 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे नाराज़ हैं और बदलाव चाहते हैं, जबकि 27 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे नाखुश हैं पर बदलाव नहीं चाहते। 
 
इस चुनाव में सबसे बड़े मुद्दों के बारे में पूछे जाने पर 39 प्रतिशत लोगों ने कहा कि 'नरेंद्र मोदी का समर्थन या विरोध’ सबसे बड़ा मुद्दा होगा। 18 प्रतिशत लोगों ने महंगाई को मुख्य मुद्दा माना, 10 प्रतिशत ने कहा-'केंद्र, राज्य की योजनाओं का लाभ' मुख्य मुद्दा होगा। 8 प्रतिशत लोगों ने बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बताया। 6 प्रतिशत लोगों ने कहा कि राज्य सरकार का कामकाज बड़ा मुद्दा होगा। 5 प्रतिशत लोगों ने खेती को मुख्य मुद्दा बताया, 4 प्रतिशत ने स्थानीय विधायक के काम को, 4 प्रतिशत लोगों ने ध्रुवीकरण को और 3 प्रतिशत लोगों ने भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बताया।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या नरेंद्र मोदी चुनाव में गेम चेंजर बनेंगे, 49 प्रतिशत लोगों ने कहा-'हां', 30 प्रतिशत लोगों ने कहा, 'कुछ हद तक', जबकि 19 प्रतिशत लोगों ने कहा, 'इससे कोई असर नहीं पड़ेगा।'
 
यह पूछे जाने पर कि सरकार कौन बनाएगा, 69 प्रतिशत ने कहा-'बीजेपी', 22 प्रतिशत ने कहा-'कांग्रेस', 3 प्रतिशत ने कहा- आम आदमी पार्टी, और 6 प्रतिशत ने कहा, अभी कुछ कहना कठिन है। यह पूछे जाने पर कि किसके चुनाव प्रचार का सबसे ज्यादा असर होगा, 71 प्रतिशत लोगों ने नरेंद्र मोदी, 18 प्रतिशत ने कहा - राहुल गांधी और केवल 6 प्रतिशत ने अरविंद केजरीवाल का नाम लिया।चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर 58 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इस चुनाव में AAP ज्यादा कुछ हासिल नहीं कर सकती, 33 प्रतिशत लोगों ने कहा कि AAP केवल दूसरी पार्टियों के वोट काटेगी। केवल चार प्रतिशत लोगों ने कहा कि AAP सरकार बना सकती है। 
 
वह कौन सी चीज है जो बीजेपी को anti-incumbency से बचा लेगी? इस सवाल पर 46 प्रतिशत लोगों ने 'नरेन्द्र मोदी’, 23 प्रतिशत ने ‘काम न करनेवाले विधायकों को बदलना', 16 प्रतिशत लोगों ने 'बेहतर चुनाव प्रबंधन', 6 प्रतिशत ने 'मजबूत उम्मीदवार' और 4 प्रतिशत ने 'चुनावी वादे' की बात कही।

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