Saturday, May 04, 2024
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यूपी उपचुनाव 2022: मैनपुरी, रामपुर, खतौली में चुनाव प्रचार थमा, 5 दिसंबर को होगी वोटिंग

मैनपुरी लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण उपचुनाव हो रहा है। आजम खान और विक्रम सिंह सैनी को अयोग्य घोषित किये जाने के कारण रामपुर सदर और खतौली विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हो रहा है।

Niraj Kumar Edited By: Niraj Kumar
Updated on: December 03, 2022 21:47 IST
चुनावी जनसभा- India TV Hindi
Image Source : पीटीआई चुनावी जनसभा

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश के मैनपुरी लोकसभा सीट और रामपुर, खतौली विधानसभा सीट पर प्रचार का शोर आज थम गया।  तीनों सीटों पर जोरदार प्रचार अभियान में राजनीति का हर तरह का रंग देखने को मिला। तीनों निर्वाचन क्षेत्रों में पांच दिसंबर को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा। 

मैनपुरी लोकसभा सीट जहां समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण उपचुनाव हो रहा है, वहीं अलग-अलग अदालतों द्वारा सजा सुनाये जाने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक आजम खान और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक विक्रम सिंह सैनी को अयोग्य घोषित किये जाने के कारण क्रमशः रामपुर सदर और मुजफ्फरनगर जिले की खतौली विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हो रहा है। 

उत्तर प्रदेश में उप चुनावों से कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दूर रहने से तीनों जगहों पर भाजपा और सपा तथा उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के बीच सीधी लड़ाई होगी। हालांकि उपचुनाव के नतीजे का केंद्र और राज्य सरकारों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि राज्य और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पास पूर्ण बहुमत है। हालांकि उप चुनाव के परिणामों से 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में दलों की दिशा जरूर तय होगी। 

मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में छह उम्मीदवार 

चुनाव आयोग के मुताबिक मैनपुरी लोकसभा सीट से छह उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि खतौली (मुजफ्फरनगर) और रामपुर विधानसभा क्षेत्र से क्रमश: 14 और 10 उम्मीदवार मैदान में हैं। मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव सपा की उम्मीदवार हैं, जबकि भाजपा ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव के करीबी रहे रघुराज सिंह शाक्य पर अपना दांव लगाया है जो हाल के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे।

रामपुर में आकाश सक्सेना और असीम रजा के बीच मुकाबला

रामपुर में मुकाबला भाजपा के आकाश सक्सेना और आजम खान की पसंद समाजवादी पार्टी के असीम राजा के बीच है। खतौली में सपा समर्थित रालोद के मदन भैया का मुकाबला भाजपा के अयोग्य घोषित किये गये विधायक विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी से है। तीनों चुनाव क्षेत्रों में मुख्य रूप से राज्य के नेताओं ने प्रचार किया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और दो उपमुख्यमंत्रियों-केशव प्रसाद मौर्य तथा ब्रजेश पाठक के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मैनपुरी, रामपुर और खतौली में रैलियों को संबोधित करके भाजपा के चुनाव अभियान को एक गति प्रदान की। 

सीएम योगी ने तीनों निर्वाचन क्षेत्रों में रैलियां की

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने गुजरात विधानसभा चुनावों में अपने प्रचार कार्यक्रमों से समय निकालकर उप्र में उपचुनाव में मतदान करने के लिए तीनों क्षेत्रों का दौरा किया और जनसभाओं को संबोधित किया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जून के उपचुनाव में अपने प्रतिनिधित्व वाली आजमगढ़ लोकसभा सीट के साथ-साथ रामपुर संसदीय सीट पर भी प्रचार नहीं किया था, लेकिन उन्होंने इस बार अपनी रणनीति बदली और मैनपुरी में अपनी पत्नी के लिए जोरदार प्रचार किया। अखिलेश यादव पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और दलित नेता चंद्रशेखर आज़ाद के साथ रामपुर में एक रैली में भाग लेने के लिए केवल एक बार मैनपुरी से बाहर गए थे। राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए समर्थन जुटाने के लिए मुजफ्फरनगर के खतौली में डेरा डाला। 

मैनपुरी में सपा की घर-घर जाने की रणनीति 

मैनपुरी में चुनाव प्रचार में एकजुट यादव परिवार अपने अंतिम संभावित गढ़ को बचाने के लिए घर-घर जाने की रणनीति अपनायी । मैनपुरी चुनाव क्षेत्र की अहमियत इसलिए भी ज्‍यादा बढ़ गई क्योंकि एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले चाचा भतीजा (शिवपाल-अखिलेश) इस चुनाव में सभी मतभेदों को भुलाकर मंच पर एक साथ आए। कई मौकों पर अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल यादव के पैर छूकर उनसे निकटता दिखाई। शिवपाल ने भी अपने विरोधी माने जाने वाले सपा महासचिव प्रोफेसर राम गोपाल यादव के पैर छुए। 

'चाचा' और 'भतीजा' के बीच कोई 'दूरियां' नहीं-अखिलेश

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक चुनावी सभा में अपने चाचा शिवपाल यादव (20 नवंबर को) के पैर छूए और जोर देकर कहा कि उनके रिश्ते में कभी कोई तनाव नहीं आया। सैफई में चुनावी सभा के दौरान अखिलेश ने कहा, "कभी-कभी लोग कहते हैं कि 'दूरियां' हैं । 'चाचा' और 'भतीजा' के बीच कोई 'दूरियां' नहीं थी, 'दूरियां' थी राजनीति में। चाचा-भतीजे के बीच मैंने कभी कोई 'दूरी’ नहीं मानी थी और मुझे खुशी है कि आज राजनीति में भी 'दूरियां' खत्म हो गईं हैं।" 

इनपुट-भाषा

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